भाजपा के नागेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने से बगावत हुई तेज
सतना
सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी बगावत शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह को फिर से टिकट दिए जाने से नाराज टिकट के दावेदारों ने मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। शनिवार की रात पार्टी कार्यालय का घेराव करने के बाद गगनेंद्र समर्थकों ने रविवार को एक बैठक कर बगावती तेवर दिखाए। गगनेंद्र ने अल्टीमेटम दिया कि इस निर्णय का खामियाजा भाजपा को तीन सीटों पर भुगतना होगा। उधर, ऋषभ सिंह के घर पर भी समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। नागौद सीट से चुनाव लड़ने से पहले खुद ही इनकार करते रहे पूर्व मंत्री और बुजुर्ग विधायक नागेंद्र सिंह को एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपा में भूचाल आ गया है। पार्टी के इस फैसले से टिकट के लिए दावेदारी करते रहे नेताओं का गुस्सा भड़क उठा है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय का घेराव करने के बाद रविवार को एक बैठक कर भाजपा की खिलाफत की आवाज बुलंद कर दी। इस बैठक में गगनेन्द्र प्रताप सिंह के अलावा रैगांव सीट से टिकट के दावेदार रहे पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी के पुत्र पुष्पराज बागरी और जिला पंचायत की पूर्व सदस्य रानी बागरी भी मौजूद रहीं।
गगनेंद्र ने यहां कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अब अपने अगले राजनैतिक कदम के संबंध में रायशुमारी की। इस दौरान गगनेंद्र का गुस्सा भी फूटा और उन्होंने भाजपा संगठन पर सीधा हमला बोलते हुए एक नहीं तीन सीटों पर खेल बिगाड़ने की खुली चेतावनी दे दी। समर्थकों के बीच पहुंचे गगनेन्द्र प्रताप सिंह टिकट वितरण के पार्टी के निर्णय से खासे खिन्न नजर आए। उन्होंने मंच से यह सवाल उठाया कि आखिर क्यों भाजपा ने 83 साल के बुजुर्ग को तब भी टिकट दिया जब वे खुद चुनाव न लड़ने की बात कह रहे थे? आखिर किस सर्वे के आधार पर पार्टी ने नागेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया। क्या हम अयोग्य थे,क्या यहां बिना बगावत किए युवाओं को मौका नहीं मिलेगा।
उन्होंने पार्टी से सर्वे दिखाने की मांग करते हुए कहा कि मुझे मेरे समर्थकों ने रेसकोर्स में सबसे तेज दौड़ने वाला घोड़ा बनाया था। लेकिन भाजपा ने उस घोड़े को गधा बना दिया। मैं यह जानना चाहता हूं, मेरे कार्यकर्ता- समर्थक भी जानना चाहते हैं कि आखिर मेरी अयोग्यता का आधार क्या है। मुझे घोड़े से गधा क्यों बनाया गया। पार्टी इसका सबूत दे,मैं आजीवन कभी टिकट की मांग नहीं करूंगा। उन्होंने भाजपा को 3 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर भाजपा अगर अपने सबूत से संतुष्ट न कर पाई तो इस चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक नागौद सीट ही नहीं तीन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ेगा।
हम तीन सीटें भाजपा से छीनेंगे। हमें अगर दरी ही बिछाना है तो कहीं भी बिछा लेंगे,लेकिन अगर आग लगेगी तो मकान सिर्फ हमारा ही नहीं जलेगा,जद में कई और भी आएंगे। नागौद में कांग्रेस में पहले ही बगावत हो चुकी है। डॉ रश्मि पटेल को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज होकर पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह बसपा जॉइन कर चुके हैं। वे बसपा से उम्मीदवार भी है। यादवेन्द्र के अलावा नागौद में कांग्रेस संगठन के तमाम पदाधिकारी, कार्यकर्ता भी बसपा का दामन थाम लिया। अब चिंगारी भाजपा में भी भड़क रही है।