प्रतिभागियों ने एमएसएमई का ईको सिस्टम माना बेहतर
बेहतर नीति और लचीली पालिसी से परिदृश्य बदला
मंत्री सखलेचा ने पूरे दिन की सहभागिता
पुरस्कार वितरण और एमओयू भी हुए
एमपी एमएसएमई समिट का समापन
भोपाल
एमपी एमएसएमई समिट में प्रतिभागियों ने स्वीकार किया है कि राज्य शासन द्वारा औद्योगिक विकास के लिए बेहतर नीतियों, निर्णयों और हितबद्ध उद्यमियों के लिए लचीले नियम-कायदों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों को सहयोग और सुधारात्मक माहौल मिला है। उन्होंने माना है कि लगातार लिए गए शानदार निर्णयों ने मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में एक नजीर स्थापित कर दी है और एमएसएमई ईको सिस्टम बेहतर हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने “आर्थिक विकास के शुभ संयोग- मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग” थीम पर आमेर ग्रीन्स परिसर में एक दिवसीय एमपी एमएसएमई समिट का सोमवार को करीब डेढ़ हजार प्रतिभागियों की उपस्थिति में शुभारंभ किया था। एमएसएमई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा शुभारंभ से लेकर सभी 6 सत्र में शामिल हुए और औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों, उद्योग परिसंघ के पदाधिकारियों और नव-उद्यमियों से लगातार संवाद करते रहे।
समिट में मुख्यमंत्री चौहान ने एमएसएमई के योगदान का उल्लेख कर एमएसएमई के विकास के लिए राज्य शासन की प्रतिबद्धता को दोहराया। समिट में मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को उनके श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये वर्ष 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए राज्य स्तरीय एमएसएमई पुरस्कार प्रदान किये गए।
समिट का आयोजन प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों और उनसे सृजित रोजगार के प्रोत्साहन के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया, जिनमें उद्यमी एवं उद्योगपति, उद्योग संघ पदाधिकारी, स्टार्टअप से जुड़े व्यक्ति और विद्यार्थी शामिल थे। सभी जिलों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया। समिट का उद्देश्य प्रदेश में उद्यमशील संस्कृति को बढ़ावा देना, नवाचार की भावना को विकसित करना तथा राज्य के विकास में एमएसएमई के योगदान को उजागर करने के साथ ही एक समग्र एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करना है।
सत्रों में बताया गया कि समिट का सूत्र वाक्य "आर्थिक विकास के शुभ संयोग मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग" प्रदेश के आर्थिक विकास को सरल शब्दों में रेखांकित करता है। विनिर्माण वृद्धि को उच्चतर गति देने के लिए केन्द्र सरकार के साथ कदम मिलाते हुए राज्य शासन ने प्रमुख क्षेत्रों में अनेक उपायों की शुरुआत की है, जैसे स्टार्ट-अप, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, एक जिला-एक उत्पाद, नीति सुधार इत्यादि में काफी काम हुआ है ।
सचिव पी. नरहरि ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए एक सुदृढ़ एवं लचकदार संरचना का होना मूलभूत एवं अत्यावश्यक शर्त है। राज्य शासन ने सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों के सहयोग से विभिन्न सुधारात्मक उपायों के द्वारा एमएसएमई इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने की दिशा में निर्णयात्मक कदम उठाए हैं, जिसका एक माइलस्टोन आज की म.प्र. एमएसएमई समिट 2023 मानी जाएगी।
समिट में एनएसई इंडिया, वालमार्ट, आरएक्सआईएल, इनवाइस मार्ट तथा आईसेक्ट के साथ एमओयू हुए। इन एमओयू के निष्पादन से प्रदेश की एमएसएमई को पूँजी जुटाने के अवसर प्राप्त होंगे, ट्रेड प्लेटफार्म पर एमएसएमई को ऑनबोर्ड करने में सुविधा होगी और एमएसएमई के समग्र विकास में ये सभी संस्थाएँ राज्य शासन के साथ मिल कर कार्य करेगी।
समिट में रेने वान बर्कल, भारत प्रतिनिधि, UNIDO, किशोर राव, सीईओ Aequs Infra (कोप्पल टॉय क्लस्टर), कमोडोर अमित रस्तोगी (सेवानिवृत), अध्यक्ष और प्रबंध संचालक राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम, सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, महानिदेशक भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, केतन गायकवाड़ एमडी सीईओ आरएक्सआईएल, श्रीरघुनाथ मुख्य तकनीकी अधिकारी इनवाइसमार्ट और प्रतिष्ठित औद्योगिक संघो यथा सीआईआई, एफआईसीसीआई, पीएचडीसीसीआई, एसोचेम एवं लघु उद्योग भारती के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा सहभागिता की गई।
कार्यक्रम में डॉ. हरीश आहूजा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एनएसई इंडिया, जोसफ जूलियन, डायरेक्टर वालमार्ट वृद्धि प्रोग्राम, सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डायरेक्टर आईसेक्ट अखिलेश राठी, मैनेजिंग डायरेक्टर भास्कर डेनिम एवं को-चेयरमैन एमपी एसोचेम, सुशी जॉयदास वर्मा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट फिक्की फ्लो, संदीप नाओलेकर चेयरमैन सीआईई डब्ल्यू.आर. समिति- एमएसएमई, प्रोफेसर प्रशांत सालवान, आई.आई.एम. इंदौर, अनघ सिंह, सहायक वाइस प्रेसिडेंट इन्वेस्ट इंडिया एवं महेश गुप्ता, प्रेसिडेंट एमपी लघु उद्योग भारती द्वारा मध्यप्रदेश में एमएसएमई के परिदृश्य एवं संभावनाओं पर चर्चा की गयी।
समिट में 6 सत्र प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से एमएसएमई का आधुनिकीकरण, एमएसएमई के लिए वित्तीय समाधान के नए आयाम, क्लस्टर विकास, एमएसएमई को परिस्थिति की अनुरूप समर्थ बनाना और अंतर्राष्ट्रीय काम्पिटेटिवनेस बढ़ाना, उद्यामिता से महिला सशक्तिकरण और एमएसएमई के लिए डिजिटल परिवर्तन की आवश्यकता पर केंद्रित रहे, जिसमें देश के प्रसिद्ध उद्योग विशेषज्ञ एवं वरिष्ट अधिकारीगण ने विभिन्न विषयों पर उद्यमियों के साथ चर्चा की। ये सत्र इन्वेस्ट इंडिया एसोचेम इंडिया, सीआईआई, फिक्की, पीएचडी चेम्बर्स ऑफ कॉर्मस एण्ड इंडस्ट्री, डिक्की एवं लघु उद्योग भारती के सहयोग से किये गये। कार्यक्रम के नॉलेज पार्टनर अर्नस्ट एण्ड यंग और अकादमिक पार्टनर आइआईएम इंदौर हैं। समिट में लगभग 42 जिलों के उद्यमियों, स्टार्टअप्स और विद्यार्थियों ने भी सहभागिता की।