तपती दुपहरी और पैरों में पॉलीथिन की ‘चप्पल’, इस बच्ची की मुस्कुराहट आपको भी …….
श्योपुर
श्योपुर में एक आदिवासी महिला अपने पति का इलाज कराने आई थी। कराहल विकास खंड से श्योपुर आई सहरिया आदिवासी महिला के साथ उसके तीन अबोध बच्चे भी थे। एक बच्चा उसकी गोद में था जबकि दो बच्चों की उसने अंगुलियां थाम रखी थीं। चिलचिलाती धूप में जब लोगों का घर से निकालना मुहाल है, वह अपने बच्चों को साथ लिए सड़क पर भटक रही थी। धूप से बचने का कोई साधन तो दूर, उनके पैरों में चप्पल तक नहीं था।
मीडियाकर्मी ने की मदद
बच्चों के पैरों में छाले न पड़ जाएं, इसके लिए महिला ने बच्चों के पैरों में पॉलीथिन बांध दिया था। एक मीडियाकर्मी ने उन्हें इस हालत में देखा तो उसे तरस आ गया। उसने बच्चों को चप्पल खरीदकर दी। साथ ही, पति का इलाज कराने में भी मदद की।
कल्याण के लिए कई योजनाएं
आदिवासी अंचलों से ऐसी तस्वीरें अक्सर आती रहती हैं। राज्य ही नहीं, केंद्र सरकार की ओर से भी उनके लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन जमीन पर इनका खास असर नहीं दिखता। आदिवासी अब भी विकास से कोसों दूर सुविधारहित जीवन जीने को मजबूर हैं।