शादी के लिए पूरी रात पैदल चला दूल्हा, 28 KM चलकर पहुंचा दुल्हन के घर
नई दिल्ली
अपनी दुल्हनिया पाने के लिए शख्स को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। शादी के लिए लड़की के घर पहुंचने के लिए बारात को 28 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। पूरी रात पैदल चलकर बारात सुबह दूल्हा लेकर दुल्हन के घर पहुंची। जिसके बाद दोनों की शादी हो पाई। दरअसल, ड्राइवरों की हड़ताल के चलते बारात को एक भी गाड़ी नहीं मिल पाई थी। चालकों की हड़ताल के कारण दूल्हे और उसके परिवार को शादी के लिए ओडिशा के रायगड़ा जिले में दुल्हन के गांव जाने के लिए 28 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ा। वे गुरुवार को पूरी रात कल्याणसिंहपुर प्रखंड की सुनखंडी पंचायत से पैदल चलकर दिबालापाडू गांव पहुंचे, जहां शुक्रवार को उनकी शादी हुई।
दूल्हे के परिवार के सदस्यों में से एक ने कहा, "ड्राइवरों की हड़ताल के कारण कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो सका। हम गांव पहुंचने के लिए पूरी रात चले। हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था।" इसके बाद शुक्रवार सुबह शादी का रस्म अदायगी की गई। लेकिन दूल्हा और उसका परिवार दुल्हन के घर पर रुके रहे और चालक संघ के हड़ताल वापस लेने का इंतजार किया ताकि वे घर लौट सकें।
हड़ताल क्यों
उधर, चालक एकता महासंघ ने बीमा, पेंशन जैसे सामाजिक कल्याण उपायों और कल्याण बोर्ड के गठन की मांग को लेकर बुधवार से राज्य भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। राज्य सरकार द्वारा उनकी सभी मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद शुक्रवार को ओडिशा में वाणिज्यिक वाहनों के चालकों की हड़ताल 90 दिनों के लिए स्थगित कर दी गई। मुख्य सचिव पी के जेना और डीजीपी एस के बंसक द्वारा हड़ताली ड्राइवरों से अपना विरोध वापस लेने की अपील करने के कुछ ही घंटों बाद चालक संघ, एकता महासंघ द्वारा घोषणा की गई।
आदिवासी समुदाय
रिपोर्ट के मुताबिक, दुल्हन के चाचा ने न्यू में एक रिपोर्ट में कहा, "हम आदिवासी हैं और लंबी पैदल यात्रा से परिचित हैं। हम रात में भी सड़कों से परिचित हैं, और शादियों के लिए पैदल चलना आम बात है। हालांकि, पिछले कुछ सालों से वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।"
हड़ताल के साइड-इफेक्ट
गौरतलब है कि दो लाख से अधिक वाहन चालकों की हड़ताल ने काम पर जाने वाले लोगों और पर्यटकों को प्रभावित किया है। वाहन चालकों की हड़ताल से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।