250 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची, 50 फीट नीचे खिसकी, 28 फीट गड्ढा ही कर सकी रेस्क्यू टीम
सीहोर.
बोरवेल के समानांतर पिछले 18 घंटे से लगातार खोदाई करने वाले दल के सदस्यों का कहना है कि जहां पहले बच्ची करीब 25 फीट पर नजर आ रही थी, अब वह खिसककर 50 फीट गहराई में जा चुकी है। दरअसल, यहां 12 फीट के बाद मजबूत पत्थर आना शुरू हो गया था जिसको लगातार हाइड्रोलिक ब्रेकन, रॉक ड्रिल मशीन, पोकलेन मशीन के पत्थर तोड़ने पर निकालने से हुए कंपन के कारण बच्ची और नीचे खिसककर करीब 50 फीट गहराई में पहुंच गई। उसे निकालने के लिए 10 से ज्यादा जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से 5 फीट दूरी पर समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। टीम बुधवार तक बोर के पैरलल 28 फीट ही खुदाई कर सकी और बच्ची खिसककर 50 फीट पर जा पहुंची।
एसडीएम अमन मिश्रा ने बताया कि बोर में हुक डालकर निकालने का प्रयास किया गया था, जो सफल नहीं हो सका है। बोर में हल्का पानी रिस रहा है। जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने बताया कि बच्ची के मूवमेंट नहीं आ रहे हैं। खुदाई में नीचे मिले पत्थर बहुत ही हार्ड हैं। पत्थरों के कारण खुदाई में दिक्कत आ रही है। उन्हें तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन के पंजे से बड़ी ड्रिल मशीन को बांधा हुआ है। उसी की मदद से पत्थर को तोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि रेस्क्यू में तेजी नहीं आ पा रही है। ऐसे में बच्ची को हुक के माध्यम से खींचने का भी प्रयास किया जा रहा है।
बच्ची का नाम सृष्टि बताया गया है। उसके पिता का नाम राहुल कुशवाहा है। मौके पर एसपी मयंक अवस्थी भी मौजूद हैं। बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। उसके मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बोरवेल के अंदर इंस्पेक्शन कैमरा भी डाला गया है। एंबुलेंस और मेडिकल टीम भी मौके पर तैनात है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी जिला प्रशासन से संपर्क में
एसडीएम अमन मिश्रा ने बताया, 'हमें करीब डेढ़ बजे सूचना मिली थी कि बच्ची बोरवेल में गिर गई है। एनडीआरएफ, एसडीईआरएफ के साथ लोकल प्रशासन रेक्स्यू में जुटा है।' मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बच्ची को निकालने के समुचित प्रयास करें। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी सीहोर जिला प्रशासन से संपर्क में हैं।
मां बोली- मुझे पुकारते हुए बोरवेल में चली गई
बच्ची की मां ने बुधवार सुबह बताया कि सृष्टि खेलते-खेलते बोरवेल में चली गई। मैंने उसे देखा तो मैं दौड़ लगाकर गई, तब तक वह बोरवेल में चली गई। मेरी बेटी मेरी आंखों के सामने मुझे पुकारते हुए बोर में गिर गई। वह रो रही थी। मैंने सबसे पहले मेरी सास को बुलाया। वह बोर पड़ोसी का है। मेरी दो बच्ची है। सृष्टि सबसे बड़ी है।
दादी की आंखों के सामने हादसा
बच्ची की दादी कलावती बाई ने बताया- सृष्टि खेलने के लिए घर से बाहर गई थी। मैं तब वहीं थी। घर के पास ही दूसरे का खेत है। उसमें बोरवेल पर एक तगाड़ी रखी थी। सृष्टि खेलते-खेलते उसमें बैठ गई और अंदर जा गिरी। मैं चिल्लाते हुए उसे पकड़ने गई। चीख सुनकर मेरा बेटा और गांव वाले वहां आए।
पिता ने कहा- बेटी सही सलामत बाहर निकल आए
बच्ची के पिता राहुल कुशवाहा ने कहा- मेरी 3 साल की इकलौती बेटी खेलते हुए घर से बाहर आ गई। पत्नी उसे लेने के लिए आ रही थी, तभी वह दौड़कर बोरवेल की तरफ चली गई। मैं बस यही चाहता हूं कि वह सही सलामत बाहर निकल आए।