भारत में भी घातक मंकीपॉक्स क्लेड 1बी स्ट्रेन का पहला मामला सामने आया, WHO घोषित कर चुका है इमरजेंसी
तिरुवनंतपुरम
भारत में भी घातक मंकीपॉक्स क्लेड 1बी स्ट्रेन का पहला मामला सामने आया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को पीटीआई से इसकी पुष्टि की है। अधिकारियों ने बताया कि यह वही स्ट्रेन (स्वरूप) है जिसे पिछले महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। एमपॉक्स क्लेड 1 बी वैरिएंट का यह मामला केरल के एक व्यक्ति में पाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, मल्लपुरम निवासी 38 वर्षीय व्यक्ति में ‘क्लेड 1बी स्ट्रेन’ से संक्रमण का पता चला है जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटा है। सूत्रों ने बताया कि रोगी की हालत स्थिर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह इस स्वरूप का पहला मामला है। इस स्वरूप के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने दूसरी बार एमपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।’’ इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी में सामने आया एमपॉक्स का एक मामला हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय व्यक्ति का था, जो इस महीने की शुरुआत में पश्चिमी अफ्रीकी ‘क्लेड 2’ स्वरूप से संक्रमित पाया गया था। WHO द्वारा एमपॉक्स को 2022 से ‘अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित किए जाने के बाद से भारत में इसके 30 मामले सामने आए हैं। इस बीच, दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में इस महीने की शुरुआत में भर्ती एमपॉक्स के एक मरीज को छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।
हरियाणा के हिसार का रहने वाला 26 वर्षीय मरीज करीब 12 दिन तक अस्पताल में एमपॉक्स मामलों के लिए बने आपदा वार्ड में भर्ती था। मरीज को आठ सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और चिकित्सकों ने नौ सितंबर को उसमें रोग की पुष्टि की थी।अस्पताल के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि ‘‘एमपॉक्स के एकमात्र मरीज को 21 सितंबर को छुट्टी दे दी गई।’’ अस्पताल में 20 पृथक-कक्ष हैं जिनमें से 10 एमपॉक्स के संदिग्ध मामलों के लिए और शेष उन मरीजों के लिए हैं जिनमें एमपॉक्स की पुष्टि हुई है। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में एमपॉक्स के संदिग्ध रोगियों और जिनमें रोग की पुष्टि हुई है, उनके लिए पांच-पांच कमरे निर्धारित किए गए हैं।