1000 साल तक भी खराब नहीं होंगे राम मंदिर में लगने वाले दरवाजे
अयोध्या.
अयोध्या में एक तरफ भगवान राम का भव्य मंदिर आकार ले रहा है. तो वहीं अब मंदिर में लगने वाले खिड़की और दरवाजे की लकड़ी भी धर्म नगरी अयोध्या पहुंच रही है. लकड़ी महाराष्ट्र के सागौन की है जिसका इस्तेमाल भगवान राम लला के बहुप्रतीक्षित मंदिर में लगाए जाने वाले दरवाजे और खिड़की में किया जाएगा.
रामलला के मंदिर में 40 दरवाजे और खिड़की लगाए जाने हैं. जिसके लिए वैज्ञानिकों ने महाराष्ट्र की लकड़ी को लगाए जाने की सलाह दी थी. इतना ही नहीं 1000 वर्ष तक सुरक्षित रहने वाले मंदिर के दरवाजे भी ऐसी लकड़ी से बनाए जाएंगे जिसकी आयु हजारों वर्षों का हो. भगवान रामलला के मंदिर में लगाए जाने वाले गर्भगृह के फाटक के अलावा 40 अन्य दरवाजे और खिड़कियों के लिए हैदराबाद से स्पेशल कारीगर बुलाए गए हैं.
भगवान राम लला का भव्य मंदिर लगभग 90% बन चुका है. गर्भ ग्रह समेत भूतल में छत निर्माण भी लगभग 80 से ज्यादा प्रतिशत पूरा हो चुका है. आराध्य के मंदिर में तकनीकी और खूबसूरती का लाजवाब मिश्रण देखने को मिलेगा. जहां मंदिर के खंभे स्तंभों में राम के जीवन पर आधारित प्रसंग नजर आएंगे तो परकोटे में भगवान राम के जीवन पर आधारित छोटे-छोटे दृश्य भी प्रदर्शित किए जाएंगे. जनवरी 2024 में भगवान राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. महाराष्ट्र के सागौन (टिक वुड) से भगवान के गर्भ गृह समेत सिंह द्वार तक के दरवाजे बनाए जाएंगे
हैदराबाद के कुशल कारीगर अयोध्या पहुंच रहे
भूतल में 40 दरवाजे और खिड़की होंगे जिसको बनाने के लिए हैदराबाद के कुशल कारीगर अयोध्या पहुंच रहे हैं.महाराष्ट्र से मंगाई गई सागौन की लकड़ी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि भगवान राम के मंदिर में 40 दरवाजे और खिड़की लगाए जाएंगे दरवाजे और खिड़की को बनाने के लिए कारीगर भी आ गए हैं. जैसे-जैसे लकड़ी की जरूरत पड़ती रहेगी वैसे-वैसे लकड़ी आती रहेगी. क्योंकि दिसंबर तक प्रथम चरण का काम पूरा करना है. हिंदुस्तान का सबसे अच्छा सागौन की लकड़ी होती है. यही वजह है कि भगवान राम के भव्य मंदिर में सागवान की लकड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी अवधि 1000 वर्ष तक है.