जिस दिन महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया, उसी दिन 2 आदिवासी युवती का हुआ गैंगरेप, हैवानियत सुन कांप जाएंगे
मणिपुर
मणिपुर में मई महीने से जारी जातिय हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुई बर्बरता की कहानी अब सामने आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में जिस दिन 04 मई 2023 को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया था, ठीक उसी दिन इंफाल में कार धोने का काम करने वाली मणिपुर के कांगपोकपी की दो युवा आदिवासी महिलाओं के साथ कथित तौर पर उनके कार्यस्थल पर गैंगरेप किया गया था। सामूहिक बलात्कार के बाद दोनों आदिवासी महिलाओं को 4 मई को इंफाल शहर में उग्र भीड़ द्वारा मरने के लिए छोड़ दिया गया। इसमें से एक महिला की उम्र 21 साल और दूसरी की उम्र 24 साल थी। दोनों महिलाओं की गैंगरेप के बाद उसी दिन अस्पताल में मौत हो गई थी।
मणिपुर की घटना पर संसद में भारी हंगामा, राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर लगाए गंभीर आरोप जातीय संघर्ष के पर्दे के पीछे हो रहे खून-खराबा करने वाले भीड़ के अपराधों की लिस्ट दिन ब दिन लंबी होती जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों महिलाओं के साथ हुए हैवानियत की कहानी भी अब तक दर्ज की गई 6,000 से अधिक एफआईआर के नीचे दब गई होती अगर दोनों पीड़ितों में से एक के मैतेई मित्र ने उनके परिवारों को इस बारे में सूचित नहीं किया होता तो। रिपोर्ट के मुताबिक उस दोस्त ने दूर से पुलिस एंबुलेंस को दोनों पीड़ित महिलाओं को ले जाते देखा था। जब वह अगले दिन अस्पताल गई तो उन्हें पता चला कि दोनों पीड़ितों की मौत घावों के कारण हो गई। उस महिला दोस्त ने पीड़ितों में से एक के चचेरे भाई को खबर दी जो भीड़ से बचने के लिए एक चर्च में छिपा हुआ था।
असम राइफल्स द्वारा उसे कांगपोकपी तक पहुंचाने के बाद ही पीड़ितों के परिवारों को उनकी लड़कियों के साथ हुई त्रासदी के बारे में पता चला। '04 मई की शाम 5:30 बजे भीड़ आई और…' दोनों पीड़ित महिलाओं के साथ काम करने वाले एक पुरुष सहकर्मी ने कहा, "यह भयानक था। 4 मई को शाम 5:30 बजे के आसपास पुरुषों का एक बड़ा समूह कुछ महिलाओं के साथ कार धोने आया था। इलाके में हर कोई जानता था कि ये दो आदिवासी महिलाएं वहां काम करती हैं।'' गवाह ने आरोप लगाया कि भीड़ में शामिल महिलाओं ने पुरुषों को दो आदिवासी महिलाओं को एक कमरे के अंदर ले जाने और उनका यौन उत्पीड़न करने के लिए उकसाय था। पुरुष सहकर्मी ने कहा, ''उन्होंने उन दोनों में से एक को अंदर खींच लिया, लाइटें बंद कर दीं और बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। फिर उन्होंने मेरे दूसरे सहकर्मी के साथ भी ऐसा ही किया। चिल्लाने से रोकने के लिए उन्होंने दोनों का मुंह कपड़ों से बांध दिया था।'' एक दूसरे सहकर्मी ने कहा, ''यह दरिंदगी लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसके बाद भीड़ ने दोनों महिलाओं को बाहर खींच लिया और उन्हें फेंक कर चले गए।''
एक आदिवासी व्यक्ति ने कहा, "उनके कपड़े फटे हुए थे, उनके बाल कटे हुए थे और उनका शरीर खून से लथपथ था।" गैंगरेप और हत्या का केस भी हुआ दर्ज इस मामले पर उसी दिन इंफाल पूर्वी जिले के पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन में स्वत संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के मुताबिक, "आदिवासी समुदाय की दो गंभीर रूप से घायल महिलाओं को जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।" टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक 16 मई को एक पीड़िता की मां ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था 21 और 24 साल की दो लड़कियों के साथ बलात्कार और अत्याचार करने के बाद क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी।