रायपुर
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में कृषि विभाग, मत्स्य, पशुपालन, उद्यानिकी और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली।उन्होंने इन विभागों द्वारा जिले में किए जा रहे विभिन्न कार्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा कर शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य के अनुरूप प्रगति हेतु आवश्यक निर्देश दिए।
कलेक्टर डॉ भुरे ने अधिकारियों से राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाडी से संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विकासखंडवार गोबर खरीदी, वर्मी उत्पादन और विक्रय की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गौठान वार नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जाए। तथा आगामी 2 महीने में ज्यादा से ज्यादा वर्मी का उत्पादन किया जाए तथा शत प्रतिशत उसका विक्रय सुनिश्चित भी हो। उन्होंने धान के बदले अन्य फसलों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया और अधिकारियों से कहा कि इसके लिए संबंधित विभाग समन्वित रूप से प्रयास करें। कलेक्टर डॉ भुरे ने मत्स्य विभाग को जिले में ज्यादा से ज्यादा मत्स्य उत्पादकों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए।मछली पालन करने वाले को बीज उपलब्ध कराएं,जिससे मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हो।जिला सहकारी बैंक को मत्स्य उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लाभान्वित करने कहा। गौठानो में पानी की उपलब्धता के अनुसार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए,इससे गौठान की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारी से राष्ट्रीय बागवानी मिशन, फल क्षेत्र, सब्जी क्षेत्र, पुष्प और मसाला क्षेत्र ,संरक्षित खेती, उद्यानिकी यंत्रीकरण, कृषि सिंचाई योजना ,फसल बीमा योजना ,केसीसी की प्रगति, धान के बदले अन्य उद्यानिकी फसल , सामुदायिक बाड़ी ,शासकीय रोपड़ी में फल पौधे उत्पादन एवं वितरण, पॉलीहाउस सहित अन्य योजनाओं की जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए। इसी तरह पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जिले में कृत्रिम गभार्धान को बढ़ावा दें। उन्होंने मुर्गी और बकरी पालन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने कहा। गौठानों में भी शेड बनाकर महिला स्व-सहायता समूहों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।जिले में स्थापित हैचरी से उत्पादित मुर्गी के चूजों को पालन के लिए वितरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।जिले में संचालित शासकीय योजनाओं से पशुपालकों को अवगत कराएं और उन्हें इन योजनाओं का लाभ लेने प्रेरित करे।पशुओं को सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से करने के निर्देश दिए।अनुदान के लिए प्रस्तुत आवेदनों का यथाशीघ्र निराकरण करने कहा।