प्रदेश के कई जिलों में बारिश-ओलों से हुई तबाही की CM ने मांगी रिपोर्ट
भोपाल.
मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में अचानक बारिश और ओलों से भारी नुकसान की आशंका है। मध्यप्रदेश में पिछले करीब एक पखवाड़े से मौसम खराब है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का कहना है कि प्रदेश के 12 से 15 जिलों में ओले और पानी से नुकसान हुआ है बड़वानी जिले के 8 से 10 गांव में 25 फीसदी फसलें खराब हुई है। छिंदवाड़ा, बालाघाट विदिशा ग्वालियर दमोह सागर भोपाल सहित 15 जिलों में ओले और अतिवृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे कार्य जारी है अलग-अलग जिलों के अलग-अलग गांव में नुकसान हुआ है। सर्वे कार्य अभी चल रहा है सर्वे पूरा होने के बाद जब रिपोर्ट आएगी उसके बाद ही नुकसान के बारे में कुछ कहा जा सकेगा सभी जगह टीमें लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की फसल का सर्वे कराने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। दूसरी ओर राजस्व विभाग के अधिकारी भी इस मामले में जिलों से जानकारी ले रहे हैं।
चिंता न करें, सरकार किसानों के साथ है: सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर किसानों से कहा है कि चिंता न करें। सरकार किसानों के साथ खड़ी है। नुकसान की भरपाई होगी। इसके लिए आरबीसी नियमों में बदलाव भी किया है। कलेक्टरों को सर्वे के निर्देश दिए जा चुके हैं।
कलेक्टरों से अपडेट ले रहे मंत्रालय के अफसर
ओला और बारिश के कारण होने वाले नुकसान का सर्वे अभी चल रहा है और इसमें बारिश थमने के बाद एक हफ्ते का समय लगना तय माना जा रहा है। मंत्रालय के अफसरों के अनुसार कलेक्टरों रोज सर्वे और नुकसान की स्थिति का अपडेट लिया जा रहा है। कल तक आई रिपोर्ट के अनुसार ग्वालियर जिले के 20, सागर के 75, रायसेन के 70 गांवों में फसलों को नुकसान होने की जानकारी दी गई थी। इसके अलावा 42 पशुहानि और 8 मौतें गाज गिरने से होना बताई गई हैं।
इन जिलों में हुई बारिश, ओलावृष्टि
जिन जिलों में पिछले एक पखवाड़े में हुई बारिश और ओला वृष्टि से फसलों को नुकसान होने की बात सामने आई है उसमें शाजापुर, मंदसौर,रतलाम, विदिशा, नर्मदापुरम, भोपाल, रायसेन, धार, बड़वानी, हरदा, राजगढ़, रीवा, अशोकनगर, दतिया, शिवपुरी, सतना, आगर मालवा, दमोह, सागर, टीकगमढ़, छतरपुर, खंडवा, देवास जिले शामिल हैं। कई जिलों में बड़े पत्थर के समान गिरे ओलों ने फसलों को चौपट कर दिया है और खेतों में फसलें बिछ गई है।