भोपालमध्यप्रदेश

सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस व मेट्रो चलने से सुधरेगी राजधानी की आबोहवा

भोपाल

राजधानी में बीते एक महीने से लगातार चल रहे निर्माण कार्यों, जर्जर सड़कों और त्योहार में आतिशबाजी से जमकर वायु प्रदूषण हो रहा है। हालात ये हैं कि शहर में एक्यूआई 325 को पार कर गया है। ऐसे में प्रशासन द्वारा शहर में लगातार वायु प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए सख्ती से काम किया जा रहा है। एक तरफ वाहनों को पीयूसी टेस्ट कराकर ही चलाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, ग्रीन बेल्ट के कब्जा को हटाकर वापस हरियाली बढ़ाई जा रही है। अब नगर निगम प्रशासन का दावा है कि अगले साल यानी 2024 से शहर में सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो रेल से राजधानी का परिवहन भी स्मार्ट हो जाएगा। पेट्रोल व डीजल गाड़ियों से होने वाले से प्रदूषण भी कम होगा। वहीं निकायों की आर्थिक बचत भी होगी। इससे शहर के लोगों के लिए आवागमन भी सुगम और आसान होगा। इससे हर दिन आठ से दस लाख लोगों को फायदा होगा।

100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का टारगेट
राजधानी में साल 2024 तक 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य है। इसमें से 22 बसों के लिए टेंडर जारी हो गए हैं। आचार संहिता लागू होने के कारण यह प्रक्रिया पेडिंग है। आचार संहिता हटने के बाद इसकी प्रक्रिया तेज होगी। बताया जा रहा है कि एक बस की अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपए से अधिक है। इस प्रोजेक्ट  का बीसीएलएल के माध्यम से किया जाएगा। बसों को चार्ज करने के लिए दो से तीन डिपो बनाए जाएंगे। यहां पर रात में इन बसों को चार्ज किया जाएगा। सुबह ये अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाएंगी। ये इलेक्ट्रिक बसें 38 सीटर होंगी। एक बार चार्ज होने के बाद यह बस 200 किमी चलेगी। इससे वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा।

मेट्रो रेल से हरित होगा पर्यावरण
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में आठ किलोमीटर, एम्स से सुभाष नगर तक पिलर व रेलवे लाइन डालने का काम पूरा हो गया है। मेट्रो की टेस्टिंग का काम भी हो चुका है। अब फाइनल स्टेज पर मेट्रो स्टेशन पर काम किया जा रहा है। ऐसे में संभवत: अप्रैल, 2024 तक शहर में पहले चरण मेट्रो शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद सुभाष नगर से करोंद चौराहा तक करीब सात किलोमीटर की अंडरग्राउंड लाइन डालने को लेकर काम शुरू होना है। वहीं, दूसरे चरण में रत्नागिरी चौराहा से भदभदा तक करीब 12 किलोमीटर का रूट बनाने का काम होगा।

300 सीएनजी बसें सुधारेगा पर्यावरण
बीसीएलएल द्वारा शहर को डीजल बसों के प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए 300 सीएनजी बसों को खरीदने का लक्ष्य है। इसमें पहले चरण में 100 बसें आनी थीं, जिसमें से करीब 77 सीएनजी बसों का संचालन किया जा रहा है। वहीं, बची हुई सीएनजी बसें जल्द ही आने वाली हैं। अधिकारियों का दावा है कि मार्च, 2024 तक शहर की सड़कों में 300 से चलने लगेंगी। इससे पर्यावरण प्रदूषण में 60 फीसदी की कमी और संचालन में 40 फीसदी राशि की बचत होगी।

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