मणिपुर में भारत की अवधारणा पर हुआ हमला, चुप नहीं बैठेगा INDIA; महिलाओं संग हैवानियत पर राहुल गांधी
नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने बुधवार को कहा कि जब इस पूर्वोत्तर राज्य में भारत की अवधारणा पर हमला किया जा रहा है तो विपक्षी दलों का गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (इंडिया) चुप नहीं रहेगा। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है।
मालूम हो कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो 4 मई का है। इस वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत की अवधारणा पर हमला किया जा रहा है तो इंडिया चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।'
हिंसक घटनाओं पर आंख मूंदकर क्यों बैठी सरकार: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, 'मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है।' उन्होंने कहा कि हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर से निंदा करनी पड़ेगी। प्रियंका गांधी ने सवाल किया, 'केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंदकर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?'
'इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फॉरम' (आईटीएलएफ) के गुरुवार को प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया है। आईटीएलएफ के प्रवक्ता के मुताबिक, घृणित घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं। महिलाएं रो रही हैं और उनसे मन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रवक्ता ने घृणित कृत्य की निंदा करते हुए एक बयान में मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अपराध का संज्ञान लें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करें।