आतंकी वित्तपोषण मामला : अदालत ने अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा
नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकी वित्तपोषण मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) एनआईए से जवाब देने को कहा।न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ आरोपी द्वारा दायर अपील पर एनआईए को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने शब्बीर शाह को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय ने एजेंसी को संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए समय दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोल्साल्विस ने इस आधार पर जमानत दिए जाने का अनुरोध किया कि ‘यह कोई महत्वपूर्ण मामला नहीं है।''
जमानत याचिका खारिज किए जाने के सुनवाई अदालत के फैसले के खिलाफ अपनी अपील में याचिकाकर्ता ने कहा कि वह चार साल से हिरासत में है और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगेगा।
जमानत याचिका में कहा गया है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश का आदेश मामले के सबूतों और संभावनाओं के विपरीत है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान मामले में अपीलकर्ता चार साल से जेल में है और इस मामले में 400 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जानी है और चार साल से अधिक समय में अब तक सिर्फ 15 गवाहों से पूछताछ की गई है।
एजेंसी के वकील ने कहा कि वह पीठ के समक्ष संबंधित दस्तावेज पेश करेंगे।
एजेंसी ने 2017 में, पथराव, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के लिए धन जुटाने के कथित षड़यंत्र के लिए 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में शब्बीर शाह को चार जून, 2019 को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।