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बदरीनाथ सहित चार धाम यात्रा रूट पर दिल-अस्थमा के मरीजों को टेंशन! विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती को बना यह प्लान

नई दिल्ली
यूपी, एमपी, राजस्थान सहित देश-विदेश से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं में विशेषकर दिल, अस्थमा और अन्य बीमारियों से पीड़ित तीर्थ यात्रियों को अपने स्वास्थ्य को लेकर टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। चार धाम यात्रा रूट पर डॉक्टरों की कमी को दूर करने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जोरदार प्लान बनाया है। यही नहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों को बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में तैनात किया जाएगा ताकि आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराकर उनकी जान बचाई जा सके।  27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने पर इस बार धाम में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की आस बंधी है।

सिक्स सिग्मा हाई एल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस बदरीनाथ में हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती करेगा। इसके साथ ही साथ ही आधुनिक मशीनों से लैस अस्पताल का संचालन सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस की योजना में है। यही नहीं सिक्स सिग्मा धाम में हेली एंबुलेंस की सुविधा भी देगा। स्वास्थ्य महकमा भी यात्रा अवधि में विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती करेगा। 10 हजार फिट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ धाम और 15 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड धाम के उच्च हिमालय क्षेत्र में अक्सर सांस की बीमारी के पीड़ितों , बुजुर्गों और हृदय रोग से ग्रसित लोगों को ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है।

सिक्स सिग्मा की सर्विस मिलेगी: सिक्स सिग्मा मेडिकल सर्विस की ओर से बदरीनाथ में हृदय रोग के तत्कालीन उपचार के लिए अस्पताल का संचालन किया जाएगा। सिक्स सिग्मा हाई एल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस डायरेक्टर डा. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि 19 अप्रैल से बदरीनाथ धाम में स्वास्थ्य सेवाएं देना शुरू करेंगे। बदरीनाथ मे हदय रोग विशेषज्ञ के साथ ही अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। धाम में हेली एंबुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी।

दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।

चारधाम में 200 श्रद्धालुओं की जा चुकी जान
चारधाम यात्रा मे पिछले साल 2022  में चार धाम यात्रा के दौरान करीब 200 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसमें से 71 प्रतिशत यानी 164 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक केदारनाथ धाम में 78, यमुनोत्री में 66, बदरीनाथ में 37 और गंगोत्री में 14 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उत्तराखंड सरकार यात्रा रूट पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती कर रही है।

चारधाम में पंजीकरण के बिना नहीं होंगे दर्शन
यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा-2023 करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि सरकार द्वारा यात्रा पर जाने से पहले रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा सख्ती दिखाते हुए रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी तीर्थ यात्री को चारधाम जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों के पंजीरकरण करने के लिए सरकार ने ठोस रणनीति भी बनाई है। देश-विदेश से चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने व्हाट्सएप सहित चार माध्यमों से पंजीकरण करने की सुविधा दी है।  

दो लाख के पार पहुंची रजिस्ट्रेशन संख्या
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि इस साल 2023 में चार धाम यात्रा के लिए गुरुवार तक 2 लाख 12 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। चारधाम यात्रा तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करने के अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए। साफ किया कि यात्रा शुरू होने से पहले हर हाल में बिजली पानी के इंतजाम पूरे कर लिए जाएं।

 

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