शहरी क्षेत्रों में अब नहीं दिए जाएंगे अस्थायी पट्टे, पुराने पट्टे का यूज नहीं बदला तो बेदखली कर सकेंगे
भोपाल
प्रदेश के शहरी इलाकों में अब नजूल भूमि का निर्वर्तन अस्थायी पट्टे द्वारा नहीं किया जा सकेगा। राज्य शासन द्वारा पूर्व में जो अस्थायी पट्टे जारी किए गए हैं उनका नवीनीकरण भी अब आने वाले समय में नहीं होगा। ये पट्टे तब तक प्रभावी रहेंगे जब तक की अवधि के लिए इन्हें स्वीकृत किया गया है। इसके लिए बनाए नियमों कहा गया है कि अगर पट्टा अवधि तक भूखंड धारक ने बाजार मूल्य का पांच प्रतिशत राशि चुकाकर उसे स्थायी पट्टे में परिवर्तित नहीं कराया तो ऐसे भूखंड स्वामी को अवैध कब्जाधारक मान लिया जाएगा और उसके विरुद्ध भू राजस्व संहिता की धारा 248 में बेदखली की कार्यवाही की जा सकेगी।
इस तरह के नियम राजस्व विभाग ने लागू कर दिए हैं और मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के तृतीय संस्करण 2023 में इसे स्पष्ट किया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे अस्थायी पट्टे जिनकी पट्टा अवधि खत्म हो गई है और उन्हें नवीनीकृत नहीं कराया गया है तथा पट्टेदार या उसका विधिक उत्तराधिकारी उस भूमि पर काबिज है और वह उस पट्टे की भूमि को स्थायी पट्टे में बदलना चाहता है तो उसे कलेक्टर को आवेदन करना होगा। कलेक्टर ऐसा आवेदन मिलने पर पट्टे का प्रयोजन विकास योजना (यदि लागू है) के अनुसार होने पर स्थानीय निकाय से परामर्श कर निर्णय लेंगे।
दो गुना देना होगा भू भाटक
अगर भूखंड को स्थायी पट्टे में बदलने पर कोई लोक प्रयोजन प्रभावित नहीं होता है तो ऐसे अस्थायी पट्टे की अवधि खत्म होने की तारीख से वर्तमान तिथि तक भू राजस्व संहिता (भू राजस्व निर्धारण एवं पुनर्निर्धारण) नियम 2018 के अंतर्गत दो गुना दर पर वार्षिक भू भाटक लेंगे। साथ ही संबंधित भूमि के वर्तमान बाजार मूल्य के दस प्रतिशत के बराबर की राशि परिवर्तन शुल्क के रूप में लेकर स्थायी पट्टे में उसे बदल सकेंगे। इसके बाद दोगुना वार्षिक भू भाटक भी भूखंडधारक को देना होगा।