छत्तीसगढराज्य

अंधविश्वास, कुरीतियों को सामने रख रहीं शिक्षिकाएं और छात्राएं

बिलासपुर.

सरस्वती शिशु मंदिर तिलक नगर में अध्ययन- अध्यापन के अलावा बहुत से महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों में शिक्षिकाओं और छात्राओं के संयुक्त प्रयास सामाजिक विसंगतियों के निराकरण के परिपेक्ष में काफी उल्लेखनीय हो रहा है। स्कूल में प्रशंसा शुक्ला, प्रीति काछी से लेकर ज्यादातर छात्राओं की एक ऐसी टीम है जो कि न केवल पढ़ाई में अग्रणी है, बल्कि नुक्कड़ नाटक मंचन कर सामाजिक अंधविश्वास व कुरीतियों से दूर रहने लोगों कर रही जागरुक। इसके अलावा मतदाता जागरूकता तो कभी मोबाइल युग में अपने मूल क्षमता को खोती हुई युवा पीढ़ी की दारुण दशा का चित्र दिखाना हो तो स्कूली छात्राओं की टीम बखूबी कर रही है।

कुरीतियों को रोकने के लिए कई प्रकार के कानून बनाए गए हैं। बाल विवाह, दहेज प्रथा के चलते कई परिवार व लड़कियों का भविष्य तबाह हो चुका है। अब एसी कुरीतियों के चक्कर में कोई न पड़े, इसलिए छात्राएं समय समय पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को सजक कर रही है।

इसके अलावा बच्चे से लेकर युवा व बुजुर्गों के मन में भारतीय संस्कृति की मान्यताओं को जगाने के लिए छात्राएं लोगों के बीच जाती हैं और सनातन संस्कृति के बारे में जानकारी देती हैं। तुलसी के पौधों को घर-घर लगाने के लिए प्रेरित करती हैं। शिक्षिका व छात्राएं कहती हैं कि हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पूजनीय और पवित्र माना गया है।

शास्त्रों में तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। जिन घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है। नियमित रूप से इनकी पूजा होती है। वहां पर हमेशा सुख-समृद्धि का वास रहता है। वास्तु शास्त्र में भी तुलसी के पौधे विशेष महत्व होता है। तुलसी के पौधे में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता होती है। नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की अपार कृपा मिलती है। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत ही प्रिय होती है, इसलिए तुलसी का पौधा जरूर लगाएं।

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