भर्ती में आरक्षण नियमों में छेड़छाड़, आयोग ने विवि से तीन दिन में रिपोर्ट की तलब
भोपाल
सांची बौद्ध विश्वविद्यालय द्वारा जारी नए भर्ती रोस्टर में आरक्षण नियमों में छेड़छाड़ करने पर राष्ट्रीयअनुसूचित जनजाति आयोग ने सख्ती दिखाई है। आयोग ने जांच कर विवि को तीन दिन में रिपोर्ट तैयार कर जवाब-तलब किया है। आयोग से मिली चिट्ठी ने सांची विवि के अफसरों की नींद उड़ा दी है। इसलिए उन्होंने भर्ती प्रक्रिया तेज कर दी है।
सांच विवि में अपने चहेतों को भर्ती करने एक दर्जन विषयों के नाम बदलकर विज्ञापन जारी करने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने सख्ती दिखाई है। आयोग ने सांची विवि से इसमें हिंदी लिट्रेचर विषय को एप्लाइड हिंदी, पर्यावरण इंडियन पेंटिंग विषय को एप्लाइड इंडियन आर्ट, हिमालयन बुद्धिस्ट स्टडीज विषय को बुद्धिस्ट फिलोसॉफी, इंग्लिश लिट्रेचर को इम्प्रैशन ऑफ लिट्रेचर इंग्लिश, डिजाइन को मेटेलिक आर्ट एंड डिजाइन करने पर जवाब तलब किया है।
सांची विवि को तीन दिनों में जवाब आयोग में प्रस्तुत करना है। ऐसा नहीं करने की दशा में आयोग भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की कार्रवाई कर सकता है। इसलिये सांची विवि ने भर्ती प्रक्रिया को तेज कर दिया है, ताकि भर्ती पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लग सके। स्कू्रटनी शुरू कर दी गई है। इससे विवि 30 मई से साक्षात्कार शुरू कर सकेगा।
भर्ती पर बदल दिए पद
विवि ने रमेश रोहित को बौद्ध अध्ययन (थेरवाद) से हटाकर बुद्धिस्ट दर्शन में किया है। संतोष प्रियदर्शी को बौद्ध अध्ययन (महायान) से बुद्धिस्ट टेक्स्ट विथ वैदिक टेक्सट, राहुल सिद्धार्थ को हिंदी से हिंदी भाषा एवं साहित्य, डॉ. विश्वबंधु को संस्कृत से संस्कृत समीक्षा, देवेंद्र सिंह संस्कृत वैदिक अध्ययन से सोशल एंड नेचुरल साइंस, शाम गनपत तिखे को योग एवं ध्यान से योग अध्ययन वर्ल्ड योग प्रैक्टिस में कर दिया है।
महिला में शामिल किए दो पद
नवीन दीक्षित को भारतीय दर्शन से (महिला) फिलोसफी एंड प्रैक्टिस आफ इंडियन एस्थेटिक्स, डॉ. उपेंद्र खत्री (महिला) के पद पर रख दिया है। इससे पुरुष का पद रिक्त हो गया है। चीनी में डॉ. प्राची अग्रवाल को दिल्ली विश्वविद्यालय को दो साल के लिए प्रतिनियुक्ति भेजा गया है। उनका पद रिक्त करते हुए रोस्टर में शामिल ईडब्ल्यूएस में दिया गया है।
कई विषयों में स्पेशलाईजेशन करने के लिए विषयों का नाम बदला गया है। मेरे कार्यकाल में होने वाली भर्ती में किसी भी प्रकार की कोई भी गड़बड़ी नहीं होगी।
नीरजा गुप्ता, कुलपति, सांची विवि