सुशील मोदी का नीतीश से सवाल, नए शिक्षकों के लिए कहां से आएंगे 11 हजार करोड़? पैसों का दें हिसाब
पटना
पूर्व उपमुख्यमंत्री भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सवाल किया है कि जब सरकार पहले से नियुक्त शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है, तब नए शिक्षकों के वेतन मद में सालाना 11 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ कैसे उठायेगी? पैसे कहां से आएंगे, यह बताना चाहिए। सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि खर्च का हिसाब नहीं देने के कारण बिहार की राशि रुकी है।
शनिवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति और उनका वेतन भुगतान पूरी तरह राज्य सरकार की जिम्मेवारी है। केंद्र सरकार इसमें केवल सहयोग करती है। सहायता राशि न मिलने का दुष्प्रचार कर रही राज्य सरकार राज्य सरकार केंद्र से शिक्षक वेतन-मद में सहायता राशि न मिलने का दुष्प्रचार कर रही है, जबकि सच यह है कि बिहार सरकार ने पिछले साल के खर्च का हिसाब और उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं दिया। जैसे ही राज्य सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपेगी, केंद्र से समग्र शिक्षा अभियान की सहायता राशि मिल जाएगी।
इससे पहले शिक्षक भर्ती को लेकर बीजेपी के विधानसभा मार्च पर पुलिस लाठीचार्ज का विरोध करते हुए सुशील मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की व्यापक चुनावी हिंसा और विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या का मौन समर्थन करते हुए यही हथकंडा बिहार में अपना लिया। विधानसभा मार्च के दौरान लाठीचार्ज से भाजपा कार्यकर्ता की मौत और 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं का जख्मी होना इसका प्रमाण है।
उन्होने कहा कि विधानसभा मार्च के दौरान न एक पत्थर चला, न कहीं तोड़फोड़ हुई और न प्रदर्शनकारियों ने किसी पर हमला किया। इसके बावजूद बिना किसी उकसावे के पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की तरह नीतीश कुमार विपक्षी कार्यकर्ताओं को पुलिस की लाठी से डराना चाहते हैं।