Uncategorized

शंभू बॉर्डर पर बनी रहेगी यथास्थिति, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली
 शंभू बॉर्डर पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि अभी शंभू बॉर्डर नहीं खुलेगा और यथास्थिति बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि समिति गठित होने तक पंजाब और हरियाणा सरकार शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखें. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि किसानों और सरकार के बीच विश्वास की कमी है. इस कमी को दूर करने और किसानों की मांगों का हल निकालने के लिए कोर्ट ने एक स्वतंत्र समिति बनाने का प्रस्ताव रखा है. इस समिति में प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे, जो प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करेंगे.

‘कुछ कदम उठाने होंगे’
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की बेंच ने कहा कि एक ‘निष्पक्ष पंच’ की जरूरत है जो किसानों और सरकार के बीच विश्वास पैदा कर सके. जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां वाली बेंच ने कहा, “किसानों तक पहुंचने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे. वरना वे दिल्ली क्यों आना चाहेंगे? आप यहां से मंत्रियों को भेज रहे हैं, लेकिन उनकी अच्छी नीयत के बावजूद विश्वास की कमी है.”

क्या आपने विश्वास जीतने की कोशिश की?

सुप्री कोर्ट ने कहा कि अगर वो बिना ट्रैक्टर के दिल्ली आते है, तो आपने क्या उनसे बात करने की कोशिश की? क्या आपने उनको भरोसे में लेने या उनका विश्वास जीतने की कोशिश की? अगर आप उनसे बात करने के लिए मंत्री भेजते हैं तो वो समझेंगे कि वो सरकार का पक्ष रख रहे है. किसी दूसरे को भेजने की क्यों नही सोच रहे है?

तुषार मेहता ने कहा कि नेशनल हाईवे जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली आदि के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता, नहीं तो वो लोग दिल्ली में ब्लाक कर देंगे, लेकिन हम आपके इस सुझाव को सरकार के सामने रखेंगे. कोर्ट ने कहा कि आपको एक ऐसा व्यक्ति भेजना होगा, जो दोनो तरफ विश्वासी हो. आप नेशनल हाईवे को कब तक बंद कर के रख सकते है?

तुषार मेहता ने कहा कि हम नेशनल हाईवे पर JCB और बख्तरबंद ट्रैक्टर ट्रॉली की इजाजत नहीं दे सकते. JCB और ट्रैक्टर को वार टैंक के रूप में बनाया गया है. हम उनके रेजिडेंट पार्ट पर नहीं जा रहे हैं कि उन्होंने रिहायशी वाहनों में AC लगा रहा है. हम युद्धक टैंक के रूप में बनाई गाड़ियों को लेकर चिंतित है. शंभू बॉर्डर पर 500-600 ट्रैक्टर ट्रॉली पड़ी हैं. वहां मॉडिफाइड ट्रॉलियां हैं.

इस पर सुनवाई कर रही बेंच ने सवाल करते हुए कहा, "अगर सरकार किसानों के साथ बैठती है, तो किसान दिल्ली क्यों आना चाहते हैं. क्या आपने किसानों को शांत करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं?" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच विश्वास की कमी है.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मंत्री के जाने से विश्वास में कमी आती है. उन्हें लगेगा कि आप सिर्फ अपने हितों की बात कर रहे हैं और स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं. कोई न्यूट्रल रास्ता अपनाइए. कोर्ट ने कहा कि यह विश्वास की कमी का मामला है. किसी न्यूट्रल व्यक्ति को तैनात करने के बारे में सोचें.

SC ने पंजाब और हरियाणा से मांगा सुझाव

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की तमाम मांगों (एमएसपी और अन्य मुद्दे) पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमने उन पर दबाव डाला है कि वे कुछ स्वतंत्र समिति के गठन के निर्देश दें, जिसमें ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हों जो किसानों और अन्य हितधारकों से संपर्क करके मांगों का व्यावहारिक समाधान ढूंढ सकें, पंजाब और हरियाणा राज्य कुछ नाम सुझा सकते हैं.

इसके बाद सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम हरियाणा की तरफ से ओपनिंग करेंगे. मैं बयान दे रहा हूं. वहं, पंजाब की तरफ से कहा गया कि हमारी तरफ से कोई रुकावट नहीं है.

इसके बाद अदालत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा राज्य कुछ नाम सुझा सकते हैं या फिर वे उपयुक्त व्यक्तियों को ढूंढने का काम हम पर छोड़ सकते हैं. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर उचित निर्देश दिए जाएं. तब तक शंभू बॉर्डर पर स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए सभी पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने दें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा और पंजाब राज्य भी इस पर चर्चा करेंगे और बैरिकेड्स हटाने के लिए कदम उठाएंगे ताकि लोगों को असुविधा न हो. हमें स्थिति को और नहीं बढ़ाना चाहिए.

मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद होगी.

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button