अदालत के सामने एक लफ्ज भी नहीं बोले सनी, अरुण और लवलेश, जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई तीनों की पेशी
प्रयागराज
अतीक-अशरफ हत्याकांड में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद शुक्रवार को पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई। मामला अतीक से जुड़ा था इसलिए सीजेएम कोर्ट रूम के बाहर कुछ गहमागहमी ज्यादा थी। हत्याकांड के तीनों आरोपितों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या तथा सनी सिंह की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई। पहले दिन आरोपितों को आरोप पत्र के बारे में बताया गया। उन्हें संज्ञान दिलाया गया कि आरोप पत्र जेल भेजा जा रहा है। अपने को हत्याकांड का मुख्य आरोपित बनाए जाने, आरोप पत्र दाखिल होने की जानकारी होने के बाद भी तीनों आरोपितों ने चेहरे पर शिकन नहीं आई। अदालत की बात सुनने के बाद भी तीनों कुछ नहीं बोले। बस एकटक सामने की तरफ देखते रहे। कुछ देर की सुनवाई के बाद उन्हें वापस प्रतापगढ़ जेल की बैरक में भेज दिया गया।
एसआईटी ने तीन जिलों को भेजी सूचना
एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल करने के बाद बांदा, हमीरपुर और कासगंज पुलिस को इसके बारे में सूचित किया है। असल में लवलेश तिवारी बांदा तो सनी सिंह हमीरपुर जबकि अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है। ऐसे में एसआईटी की तरफ से तीनों जिलों की पुलिस को बताया गया कि अतीक-अशरफ हत्याकांड में तीनों मुख्य आरोपित हैं और अदालत में आरोप पत्र दाखिल है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि तीनों के जिलों की पुलिस जानकारी रहे। साथ ही घरवालों को सूचित किया जा सके।
अब सेशन कोर्ट में मुकदमा
बहुचर्चित अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी का आरोप पत्र अदालत में दाखिल होने के बाद शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हत्या के तीनों आरोपितों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या तथा सनी सिंह की पेशी हुई। तीनों आरोपितों की पत्रावली मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सत्र न्यायालय को विचारण के लिए सुपुर्द कर दिया। 27 जुलाई को यह पत्रावली सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत होगी। तब तक के लिए तीनों की न्यायिक अभिरक्षा बढ़ा दी गई है।
यह आदेश सीजेएम दिनेश कुमार गौतम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से तीनों आरोपितों को पेश किए जाने तथा अभियोजन अधिकारी विनोद गुप्ता के तर्कों को सुनने के बाद दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपितों पर हत्या का आरोप लगाया गया है जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अंतर्गत दंडनीय और पूर्ण रूप से सत्र न्यायालय द्वारा परीक्षण योग्य अपराध है। इसलिए मामले को सत्र न्यायालय के समक्ष विचारण के लिए सुपुर्द किया जाना विधि अनुसार आवश्यक है।
कागजात जेल भेजे गए
अतीक-अशरफ की हत्या के तीनों आरोपित लवलेश तिवारी (बांदा), सनी सिंह (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) प्रतापगढ़ जिला जेल में हैं। जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से तीनों आरोपितों की पेशी के दौरान न्यायालय ने कहा कि अभियोजन कागजात की नकलें अभियुक्तों को दी गईं। साथ ही संबंधित जेल अधिकारी को आदेशित किया कि नकलें आरोपितों को प्राप्त कराकर न्यायालय को सूचित करें।
न्यायिक अभिरक्षा बढ़ी
आरोप पत्र से संबंधित पत्रावली सत्र न्यायाधीश के समक्ष 27 जुलाई को पेश की जाएगी जहां मुकदमे का विचारण प्रारंभ होगा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 27 जुलाई तक के लिए तीनों आरोपितों की न्यायिक अभिरक्षा अवधि बढ़ा दी। आदेशित किया है कि इन तीनों आरोपितों को 27 जुलाई 2023 को सत्र न्यायाधीश की अदालत के समक्ष नियत समय पर प्रस्तुत किया जाए।