Barkatullah University में सुदंरकांड के पाठ को लेकर छिड़ा संग्राम
भोपाल
सुंदरकांड पाठ में शामिल होने गई बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय की छात्राओं को रात आठ बजे लौटने पर वार्डन ने छात्रावास में घुसने से रोक दिया था। छात्राओं से माफीनामा लिखवाया गया था। वार्डन की यह कारवाई उनके लिए अब मुसीबत बन गई है।
अब सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसको धार्मिक कार्यक्रमों से रोकने की कोशिश बताकर हंगामा खड़ा कर दिया है। विश्वविद्यालय परिसर के बाहर बैठकर परिषद के कार्यकर्ता रघुपति राघव राजा राम गा रहे हैं। उनके साथ विवि के छात्र और छात्राएं भी शामिल हो गई है।
सुरक्षा का बहाना बनाकर धार्मिक आयोजन में जाने से रोकते हैं
छात्राओं का कहना है कि हम सभी को सुरक्षा का बहाना बनाकर धार्मिक आयोजनों में जाने से नहीं रोका जा सकता है, इसके लिए उन्होंने कुल कुलगुरु से वार्डन को हटाने की मांग की है।
सुंदरकांड में शामिल होने से कुछ छात्राएं देरी से पहुंची थीं हॉस्टल तो…
यह मामला तब शुरू हुआ जब बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के अंदर बने मंदिर में पूजा करने व दर्शन करने और यहां सुंदरकांड के आयोजन में शामिल होने वाली कुछ छात्राएं देर से हॉस्टल पहुंची थीं. इसके बाद हॉस्टल वार्डन ने कहा था कि यदि तय समय से अधिक समय से लौटना हो तो फिर उसके लिए परमिशन लेनी होगी. वॉर्डन का कहना था कि शाम 7:00 से 7:30 बजे से ज्यादा देरी होने पर परमिशन लेना जरूरी होगा. वार्डन के इसी फरमान पर विवाद गहरा गया.
इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे सड़कों पर उतरेंगे। उनका कहना है, “मोहन यादव के राज में सुंदरकांड और धार्मिक आयोजनों पर रोक नहीं सहन की जाएगी।” वहीं, भाजपा की छात्र इकाई ABVP ने इसको लेकर यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किया है।
ABVP से जुड़े छात्र-छात्राएँ विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन कर प्रशासन को सदबुद्धि देने की प्रार्थना की। ABVP के एक नेता ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और वॉर्डन के निर्देश इस तुगलकी निर्देश के खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।
ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री मोहन यादव से कहा कि यह फरमान उनकी आस्था और मान्यताओं पर सीधा प्रहार है। उन्होंने विषय की गंभीरता को ध्यान में रखकर अविलंब कार्यवाई सुनिश्चित करने की माँग की। हिंदुस्तान में इस तरह का फरमान क़तई स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बाद ABVP ने विरोध में पोस्टर भी जारी किया।