भाजपा के कद्दावर नेता राजेंद्र साहूनहीं रहे, अस्पताल में इलाज के दौरान ली अंतिम सांस, सड़कों पर उतरी आक्रोशित भीड़
लातेहार
बालूमाथ भाजपा के कद्दावर नेता सह पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू को अज्ञात अपराधियों ने शनिवार को गोली मार दी थी। इससे वह घायल हो गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रांची में सोमवार की अहले सुबह इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
निधन की खबर पर भड़की हिंसा
राजेंद्र प्रसाद साहू के निधन की सूचना पर बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम अस्पताल में उमड़ गया। शव को रांची रिम्स में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। इधर पैतृक प्रखंड बालूमाथ में मामले की सूचना मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए और बालूमाथ मुख्य पथ पर रांची-चतरा मुख्य मार्ग व प्रखंड की सड़कों को जाम कर दिया। कुछ स्थानों पर आगजनी की भी सूचना है। वहीं पुलिस के पदाधिकारी ग्रामीणों को समझा कर स्थिति नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं।
रविवार को भी बालूमाथ के सभी दुकानदार एवं सभी संप्रदाय के लोगों ने स्वेक्षा से अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर एक विरोध मार्च निकाला था। वहीं घटना की सूचना पाकर वरीय पुलिस अधिकारी बालूमाथ पहुंचकर पूरे घटना की जानकारी ली और लोगों से कहा कि पूरे घटना की जांच की जा रही है। शीघ्र ही मामले का उद्भेदन कर लिया जाएगा। अपराधी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।
कई समाजिक कार्यों की अध्यक्षता करते थे राजेंद्र
राजेंद्र प्रसाद साहू लातेहार पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष के साथ-साथ बालूमाथ सद्भावना कमेटी के अध्यक्ष एवं हाईवा ओनर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के पद पर रहते हुए कई सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। वहीं पूरे पलामू प्रमंडल में रामनवमी पर सबसे भव्य पूजा के आयोजन में इनकी सक्रिय भूमिका रहती थी। वह बालूमाथ मंडल रामनवमी पूजा समिति के अध्यक्ष भी थे।
गैंगस्टर व नक्सलियों के निशाने पर थे पूर्व जिप उपाध्यक्ष
राजेंद्र का मुख्य कार्य कोयला व्यवसाय रहा है। राजेंद्र प्रसाद साहू गैंगस्टर अमन साहू एवं कई उग्रवादी संगठन संगठन के निशाने पर थे। वर्ष 2012 में भाकपा माओवादियों ने बड़ी संख्या में आकर इनके घर पर हमला किया था, जिसमें इन्होंने तीन मंजिला मकान से कूद कर अपनी जान बचाई थी। हालांकि, इस घटना में इनका दोनों पैर टूट गया था। जिसके बाद माओवादियों ने उनके घर को भी बम ब्लास्ट कर उड़ा दिया था।
झारखंंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए राज्य सरकार को कोसा है। उन्होंने इसके लिए प्रदेश की कानून व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।