Cyber Fraud रोकने SIM Card के लिए सख्त नियम, नहीं खरीद पाएंगे बल्क में
नईदिल्ली
साइबर फ्रॉड्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस तरह के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मामले पर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि डिजिटल फ्रॉड्स को रोकने के लिए सरकार ने SIM Card बेचने वाले डीलर्स के वेरिफिकेशन को जरूरी कर दिया है.
इसके साथ ही बल्क कनेक्शन जारी करने के प्रावधान को भी खत्म कर दिया है. नए नियमों के बारे में बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि SIM कार्ड डीलर्स का अब पुलिस वेरिफिकेशन होगा. उन्होंने बताया कि डीलर्स का वेरिफिकेशन लाइसेंसी या टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा करवाया जाएगा.
इसके उल्लंघन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी है. वहीं प्रिंटेड आधार कार्ड के मिसयूज को रोकने के लिए सरकार ने डेमोग्राफिक डिटेल्स को कैप्चर करना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए प्रिंटेड आधार कार्ड के क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस वक्त 10 लाख सिम कार्ड डीलर्स मौजूद हैं और उन्हें वेरिफिकेशन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा. सिम कार्ड के बंद करने के नियमों में भी बदलाव किया गया है.
आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर?
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने इस मामले पर बयान जारी किया है. वैसे सिम कार्ड के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं होगा. पहले की तरह ही आप किसी दूसरे ID प्रूफ के जरिए भी सिम कार्ड खरीद सकेंगे. आधार e-KYC में थंब इम्प्रेशन और IRIS-बेस्ड ऑथेंटिकेशन के अलावा फेसियल बेस्ड बायोमैट्रिक्स ऑथेंटिकेशन को भी मंजूरी दी गई है.
>> किसी फोन नंबर या सिम कार्ड के बंद होने के 90 दिनों बाद तक उसे किसी दूसरे यूजर को जारी नहीं किया जा सकता है. एक यूजर को सिम रिप्लेसमेंट के लिए पूरे KYC प्रॉसेस को फॉलो करना होगा. इस पर 24 घंटे की रोक आउटगोइंग कॉल और इनकमिंग मैसेज पर होगी.
>> PoS (पॉइंट ऑफ सेल) के लिए वेरिफिकेशन प्रॉसेस टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा किया जाएगा. ये कदम फर्जी सिम कार्ड जारी करने वालों को रोकने के लिए उठाया जा रहा है.
>> अगर किसी PoS को गैर-कानूनी एक्टिविटी से जुड़ा पाया गया, तो उसे टर्मिनेट कर दिया जाएगा और तीन साल के लिए ब्लॉक किया जाएगा.
>> अगले 12 महीनों में मौजूदा PoS को लाइसेंसी के प्रॉसेस के तहत रजिस्टर किया जाएगा.
>> इसके अलावा साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए 52 लाख मोबाइल कनेक्शन्स को डिस्कंटीन्यू किया गया है. मई 2023 से अब तक 67 हजार डीलर्स को ब्लैकलिस्ट और 300 FIR दर्ज की गई हैं.
>> वॉट्सऐप ने अपने प्लेटफॉर्म पर 66 हजार अकाउंट्स को ब्लॉक किया है, जो गैर-कानूनी गतिविधियों में लगे हुए थे. साथ ही 8 लाख बैंक वॉलेट अकाउंट्स को फ्रीज किया गया है.
>> 7.5 लाख मोबाइल चोरी की शिकायतों में 3 लाख फोन्स को ट्रेस करके उनके ओनर को वापस किया गया है. आधिकारिक डेटा के मुताबिक, 17 हजार हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है.
जरूरी बातें जो आपको जाननी चाहिए
सरकार साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए ये कदम उठा रही है. पिछले कुछ सालों में साइबर फ्रॉड के बहुत से मामले सामने आए हैं. इस तरह के मामलों में स्कैमर्स किसी फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि सरकार SIM कार्ड बेचने के प्रॉसेस को मुश्किल बना रही है. बल्क में सिम कार्ड खरीदने पर भी रोक लगा दी गई है.
ऐसे डीलर जो सिम कार्ड बेचते हुए अब उन्हें पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा. बल्क में सिम कार्ड खरीदने वालों में 80 परसेंट बेवजह के कनेक्शन होते हैं. इस तरह के कार्ड कॉर्पोरेट्स और समागम के नाम पर खरीदे जाते थे. बल्क में खरीदे गए सिम कार्ड में से 20 परसेंट का इस्तेमाल गलत कामों में होता था.