उत्तरप्रदेशराज्य

बीजेपी का बागियों पर कड़ा एक्शन, श्रावस्ती जिले के 3 नेता पार्टी से निष्कासित

श्रावस्ती
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव हो रहे हैं. दो चरणों में हो रहे नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में 4 मई को वोट डाले जाने हैं. मतदान से पहले बागियों को मनाने की कोशिश में जुटी नजर आई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब सख्त होती दिख रही है. बीजेपी ने अपने आधिकारिक उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ा रहे बागी उम्मीदवारों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है.

बीजेपी ने श्रावस्ती जिले में तीन नेताओं पर कार्रवाई की है. बीजेपी ने श्रावस्ती जिले के तीन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बीजेपी ने जिन तीन नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित किया है, उनमें दो निवर्तमान चेयरमैन के साथ ही एक महिला नेता भी शामिल हैं.

बीजेपी के जिलाध्यक्ष श्रावस्ती महेश मिश्रा ओम ने प्रेस नोट जारी कर तीन नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किए जाने की जानकारी दी है. बीजेपी जिलाध्यक्ष की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक भिनगा नगर पालिका परिषद के निवर्तमान चेयरमैन अजय आर्य के साथ ही भिनगा नगर पंचायत इकौना के निवर्तमान चेयरमैन जितेंद्र कुमार गुप्ता को भी छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है.

बीजेपी जिलाध्यक्ष ने जितेंद्र कुमार गुप्ता की पत्नी रेनू गुप्ता को भी छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किए जाने की जानकारी दी है. बीजेपी के श्रावस्ती जिलाध्यक्ष ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के निर्देश पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण इन नेताओं के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई है. बीजेपी के इस सख्त रुख से नेताओं में हड़कंप मच गया है.

गौरतलब है कि इकौना नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गई है. इस सीट से बीजेपी ने निवर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र कुमार गुप्ता की पत्नी रेनू गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी रेनू गुप्ता के जाति प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल खड़े करते हुए तहसीलदार ने इसे निरस्त कर दिया था.

रेनू गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद बीजेपी ने नए उम्मीदवार का ऐलान कर दिया था. बीजेपी ने शांति कंडा को इकौना नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. जितेंद्र कुमार गुप्ता को अपनी पत्नी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के पीछे साजिश का शक था. जितेंद्र इसके बाद बीजेपी उम्मीदवार को हराने के लिए सक्रिय हो गए जिसकी शिकायत पर पार्टी ने अब उन्हें और उनकी पत्नी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

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