होम्योपैथी के क्षेत्र में नये रिसर्च कर जन-सामान्य में विश्वास को मजबूत करें
विश्व होम्योपैथी दिवस के कार्यक्रम को प्रमुख सचिव आयुष ने किया संबोधित
भोपाल
प्रमुख सचिव आयुष फैज अहमद किदवई ने कहा कि नये अनुसंधान कर होम्योपैथी का जन-सामान्य में विस्तार किये जाने की जरूरत है। उन्होंने होम्योपैथी के क्षेत्र में हो रहे नये कार्यों को भी जनता के सामने लाये जाने पर जोर दिया। प्रमुख सचिव किदवई आज भोपाल के गवर्मेंट होम्योपैथी महाविद्यालय में विश्व होम्योपैथी दिवस पर हुए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में किदवई ने होम्योपैथी के जनक सैम्यूल हैनीमेन की 268वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर आयुक्त आयुष श्रीमती सोनाली पोंक्षे वायंगणकर भी मौजूद थी।
प्रमुख सचिव आयुष ने कहा कि होम्योपैथी के प्रेक्टिशनर की कार्य क्षमता में भी लगातार अपडेट किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से प्रदेश में मलेरिया उन्मूलन और सोरायसिस के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य हो रहा है। जनजातीय क्षेत्र में सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, जो सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश देखा गया है कि जब मरीज चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों से निराश हो जाता है, तब वह होम्योपैथी की तरफ बढ़ता है। प्रमुख सचिव ने कहा कि होम्योपैथी से जिन मरीजों का बेहतर उपचार किया गया है, उनके विचार जन-सामान्य के बीच लाये जाने की आवश्यकता है। ऐसा करके होम्योपैथी के प्रति लोगों काविश्वास और बढ़ेगा।
आयुक्त आयुष श्रीमती वायंगणकर ने कहा कि प्रदेश में होम्योपैथी चिकित्सा की 213 डिस्पेंसरी संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में होम्योपैथी के फॉलोअर्स लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के आयुष ग्रामों में होम्योपैथी के ओर विस्तार किये जाने पर जोर दिया। कार्यक्रम को डॉ. पॉल, प्राचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा, डॉ. परिहार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि सरकारी होम्योपैथी कॉलेज की स्थापना वर्ष 1991 में की गई थी। इसके बाद यह कॉलेज वर्ष 2008 से मेनिट हिल्स आयुष परिसर में संचालित हो रहा है। देश में सर्वाधिक 126 स्नातक और 70 स्नातकोत्तर छात्र प्रतिवर्ष प्रवेश ले रहे हैं। आयुष परिसर में 150 बिस्तरों का हॉस्पिटल भी संचालित किया जा रहा है। इनमें प्रतिदिन औसत रूप से 500 रोगियों का होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार किया जा रहा है। महाविद्यालय में पढ़ाई के बाद छात्रों के प्लेसमेंट के लिये कॉलेज में विशेष सेल बनाया गया है।