भोपालमध्यप्रदेश

7 साल में कर्मचारी चयन मंडल ने वसूले 667 करोड़ रुपए, 327 करोड़ रुपए की हुई कमाई

भोपाल

कर्मचारी चयन मंडल ने पिछले सात सालों में मोटी कमाई की है। इन सालों में मंडल ने 327 करोड़ का फायदा भी हुआ है। पिछले दो वित्त वर्ष में परीक्षाएं करवाने के लिए बेंगलुरू की एक कंपनी को 44 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया गया है। यह जानकारी विधायक जीतू पटवारी के सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखित जवाब में दी है।

सवाल के उत्तर में बताया गया कि वर्ष 2015 से 2022 तक 106परीक्षाएं आयोजित की गई। इन परीक्षाओं में एक करोड़ 24 लाख 36 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 97 लाख 59 हजार 121 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।  इन सात सालों में यूएस टेक्नालॉजी प्रायेवट लिमिटेड, एनएसईआईटी लिमिटेड मुंबई, एडुक्विटी केरियर टेक्नो प्रायवेट लिमिटेड बैंगलुरु एजेंसी को भुगतान किया गया। इसमें एडुक्विटी केरियर टेक्नो प्रायवेट लिमिटेड को पिछले दो वित्त वर्ष में 44 करोड़ के लगभग का भुगतान किया गया। इसके अलावा मंडल ने सात सालों में 667 करोड 53 लाख 12 हजार 604 की कमाई की। जिसमें उसे 327 करोड़ 19 लाख 6 हजार 629 रुपए का फायदा हुआ।

वर्ष             प्रॉफिट
2015-16    47,83,41,332
2016-17    46,01,34,348
2017-18    62,86,92,428
2018-19    25,04,59,254
2019-20    55,98,59,610
2020-21    71,06,29,569
2021-22    18,37,90,088
(प्रॉफिट रुपयों में)

राज्य पर 3 लाख 23 हजार करोड़ का कर्ज,  छह महीने में 19 हजार का कर्ज लिया
31 मार्च 2022 की स्थिति में मध्यप्रदेश सरकार पर 3 लाख 23 हजार 218 करोड़ रुपए का कर्ज है। वर्ष 2022-23 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अंतिम नहीं किए है  और पिछले सात फरवरी तक छह महीने में सरकार ने 19 हजार रुपए का कर्ज ले लिया है।
 वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढ़ा के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2022-23 के आंकड़े अंतिम नहीं हो पाए है इसलिए यह जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। मंत्री ने बताया कि मार्केट से राज्य सरकार ने 29 जून 2022 से 7 फरवरी 2023 के बीच दस बार कुल 19 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इसमें वर्ष 2022 में जून में दो हजार, अगस्त में दो हजार, सितंबर में दो बार दो-दो हजार, अक्टूबर में दो बार एक-एक हजार, नवंबर में दो हजार रुपए का कर्ज लिया गया । वर्ष 2023 में सरकार ने जनवरी में दो-दो हजार रुपए का कर्ज लिया है। सात फरवरी को 3000 रुपए का कर्ज लिया गया है। इस तरह कुल 19 हजार रुपए का कर्ज लिया है। मंत्री ने बताया कि पंद्रहवे केन्द्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा कर्ज लेने की सीमा निर्धारित की गई है।  कर्ज की अधिकतम सीमा जीएसडीपी के प्रतिशत से 2021 में 4.5, 2022 में 4 और 2023 में 3.5 प्रतिशत से अधिक नहीं रही है।

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