प्रोफेसरों की परिवीक्षा अवधि खत्म होने से पहले सत्यापन कार्य में तेजी
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग को 31 मार्च तक प्रदेश के 513 कॉलेजों में पदस्थ प्रोफेसर और तीन साल पहले पदस्थ हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों की परिवीक्षा अवधि खत्म करना है। इसके लिए विभाग ने सत्यापन के कार्य में तेजी दिखाना शुरू कर दिया है, जिसमें विभाग ने उन्हीं नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों को सत्यापन कार्य में लगा दिया है, जो स्वयं परिवीक्षा अवधि में चल रहे हैं। इससे विभाग में कानाफूसी शुरू हो गई है, जिससे सीनियर प्रोफेसरों की एतराज हो रहा है।
विभाग ने तीन साल पूर्व करीब ढाई हजार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियां की थीं। उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त करने के लिए विभाग ने 31 मार्च तक टाइम लिमिट तैयार की है। अभी तक प्रोफेसरों का सत्यापन कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। इसलिए विभाग ने दस प्रोफेसरों का पैनल तैयार किया है, जो परिवीक्षा अवधि में आने वाले असिस्टेंट प्रोफेसरों के दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे। क्योंकि विभाग के पास ज्यादा समय शेष नहीं है। इसलिए विभाग ने दस प्रोफेसरों के पैनल में चार असिस्टेंट प्रोफेसरों तक को शामिल कर लिया है।
23 तक जमा होंगे आरटीई की 25% सीटों के आवेदन
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में 25% सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये आवेदन 23 तक लिए जाएंगे और 28 मार्च को लाटरी प्रक्रिया के तहत प्रवेश दे दिए जाएंगे। बीते वर्षों में बच्चों की मैपिंग और मान्यता से संबंधित कार्यों में देरी होती थी। इस कारण प्रवेश प्रक्रिया देर से शुरू होती थी और लंबे समय तक चलती थी। इस बार ये दोनों काम समय से कर लिए थे, इसलिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। लाटरी के बाद 31 मार्च से 10 अप्रैल के बीच आवंटित स्कूलों में प्रवेश लेना होगा।
10 प्रोफेसरों का है पैनल
डॉ नवस सिंह, डॉ. श्यामा मुखर्जी कॉलेज, महेंद्र मेहरा एमएलबी, डॉ. नीता मिश्रा सीहोर कॉलेज, डॉ. नीतू यादव बरेली कॉलेज, डॉ राजीव शर्मा नर्मदापुरम कॉलेज, राजीव कुमार सिंह सीहोर कॉलेज और डॉ डेनियल ग्लेन्स डैनी गीतजांलि कॉलेज है। इसमें असिस्टेंंट प्रोफेसर रीचा पारख स्टेट लॉ कॉलेज, अभिषेक सिंह नर्मदापुरम कॉलेज और डॉ पुष्पेंद्र कुमार तिवारी शामिल है।