छत्तीसगढराज्य

छत्तीसगढ़ में शहादत देने वाले एसपी विनोद चौबे और 28 जवानों को किया गया याद

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में लगभग 14 साल पहले आज के ही दिन राजनांदगांव में 28 जवानों ने नक्सलियों से मुकाबला करते हुए शहादत दी थी। शहादत देने वाले पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे एवं उनके साथ शहीद हुए 28 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहादत दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि 12 जुलाई 2009 को राजनांदगांव में मदनवाड़ा के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेते हुए जाबांज पुलिस अधीक्षक स्व. विनोद चौबे जी एवं उनकी टीम ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए छत्तीसगढ़ की माटी के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। ऐसे महान सपूतों को हम सब नमन करते हैं, अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। हम सबको आप पर गर्व है। जय हिन्द।

ज्ञात हो कि एसपी विनोद चौबे छत्तीसगढ़ के नक्सल ऑपरेशन में देश के पहले शहीद आईपीएस अधिकारी थे। मरणोपरांत उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। नक्सल हमले के दौरान मुठभेड़ में वो शहीद हुए थे। वह हमला देश का पहला नक्सली हमला था जिसमें कोई एसपी शहीद हुआ था। इस नक्सली हमले में एसपी के अलावा 28 जवान भी शहीद हुए थे।

 

धनबाद के टुंडी में आरएसएस कार्यकर्ता को गोलियों से भूना, पनपा आक्रोश

धनबाद
धनबाद जिले के टुंडी में अपराधियों ने आरएसएस के कार्यकर्ता शंकर प्रसाद को गोलियों से भून डाला। वारदात मंगलवार देर रात की है, लेकिन इसका जानकारी बुधवार सुबह को लोगों को हुई।

शंकर प्रसाद लगभग तीन दशकों से आरएसएस से जुड़े थे। वह संघ से जुड़े संगठन जिला वनवासी कल्याण केंद्र के जिला कार्य प्रमुख भी थे।

वारदात को लेकर इलाके में आक्रोश है। हत्या की वजहों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस के अनुसार वारदात के पीछे कोई रंजिश हो सकती है।

बुधवार सुबह पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

शकर पूर्वी टुंडी थाना क्षेत्र के दुमा गांव के रहने वाले थे। वह ग्राम रक्षा दल के लिए भी काम करते थे।अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस के सहयोग से धनबाद के कई गांवों में ग्रामीणों ने ग्राम रक्षा दल बनाया है। शंकर भी शहरपुरा गांव में इस दल के सदस्य थे।

बताया जा रहा है कि मंगलवार की रात वह अपने घर से शहरपुरा जा रहे थे, तभी अपराधियों ने कब्रिस्तान के पास उनपर छह गोलियां दागीं।

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को अपराधियों के बारे में सूचना देने के कारण वह कुछ लोगों की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने हत्याकांड का उद्भेदन कर अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

 

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