राजनीति

सोनिया गांधी छोड़ेंगी रायबरेली सीट, तेलंगाना से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी

नईदिल्ली

लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की रणनीति धीरे-धीरे सामने आ रही है। हिंदी पट्टी राज्यों में भाजपा की मजबूती को देखते हुए कांग्रेस दक्षिण व नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए जोर लगा रही है। कांग्रेस दक्षिण में 129 और उत्तर-पूर्व में 25 सीटों को लेकर स्पेशल प्लान बना रही है। कांग्रेस के धुरंधर नेता इस रणनीति के तहत सक्रिय हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार राज्यों के बड़े मुद्दों को भी उठाती दिखेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के तेलंगाना से चुनाव में उतरने का बयान देकर रणनीति का खुलासा भी कर दिया है।

कांग्रेस का प्लान एक-एक सीट बटोरकर अपनी संख्या बढ़ाना है। पार्टी एक-दो सीटों वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर फोकस कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हर राज्य में जाकर कार्यकर्ताओं से मिलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि भाजपा को चुनाव में टक्कर देने के लिए दक्षिण व उत्तर पूर्व के साथ केंद्र शासित प्रदेशों की करीब 154 सीटों में से कांग्रेस और गठबंधन को करीब 100 से 120 सीटें जीतनी होगी।

हर राज्य में अलग मुद्दा

राहुल ने उत्तर-पूर्व में स्थानीय भाषा, संस्कृति पर हमला करने के साथ वर्षों से लंबित उत्तर-पूर्व राज्यों के कई समझौतों को मुद्दा बनाकर अपना एजेंडा सेट कर दिया है। मणिपुर में हिंसा और असम में मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। आंध्र प्रदेश में दस साल से लंबित आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया जा रहा है।

दक्षिण में गठबंधन के साथ तैयारी

कांग्रेस का दक्षिण में तमिलनाडु व केरल मजबूत गढ़ है। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ 2019 में अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार इसे दोहराने के साथ कर्नाटक, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश में अच्छी संख्या में सीटें लेने की रणनीति बन रही है। तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के बयान के बाद माना जा रहा है कि सोनिया गांधी को तेलंगाना की ऐसे लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में उतारा जा सकता है, जहां से तेलंगाना के साथ कर्नाटक व आंध्र प्रदेश की ज्यादा से ज्यादा सीटों को साधा जा सकें। पार्टी ने 25 सीटों वाले आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के सामने उनकी बहन शर्मिला वायएसआर रेड्डी को खड़ा कर दिया है। शर्मिला ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात कर गठबंधन के रास्ते खोल दिए हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल वामपंथी दल और कांग्रेस केरल में एक दूसरे के सामने दोस्ताना चुनाव लड़ते दिखेंगे। कर्नाटक में पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

उत्तर-पूर्व में अकेले लड़ने पर जोर

भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मणिपुर से आगाज करने की बड़ी वजह लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करना है। उत्तर पूर्व में करीब दस दिन यात्रा रही। इस दौरान राहुल ने लगभग हर विश्राम स्थल पर कार्यकर्ताओं से बात कर स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया। उत्तर-पूर्व के अधिकांश दलों के सत्ताधारी दल के साथ जाने की रणनीति से निपटने के लिए कांग्रेस लगभग सभी सीटों पर अकेले ही चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है। असम में राहुल ने बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ पर भाजपा की बी-टीम बताकर असदुद्दीन ओवैसी जैसा हमला करने की आक्रमक रणनीति बनाई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एआईयूडीएफ से गठबंधन रहा था। अब लोकसभा में पार्टी ने अजमल से किनारा कर लिया है।

लोकसभा में वर्तमान स्थिति

दक्षिण के पांच राज्यः कुल सीटें-129

कांग्रेस व उसके सहयोगी-61

भाजपा व उसके सहयोगी-32

अन्य क्षेत्रीय दल-36

वर्तमान में उत्तर-पूर्व के आठ राज्य-कुल सीटें-25

कांग्रेस व उसके सहयोगी-4
भाजपा व एनडीए-18

अन्य क्षेत्रीय दल-3

उत्तर पूर्व के राज्य और कांग्रेस की स्थिति

 

राज्य कुल सीटें कांग्रेस व यूपीए भाजपा व एनडीए अन्य
असम 14 3 9 2
मणिपुर 2 0 1 1
मेघालय 2 1 1 0
अरूणाचल प्रदेश 2 0 2 0
मिजोरम 1 0 1 0
नगालेंड 1 0 1 0
त्रिपुरा 2 0 2 0
सिक्किम 1 o o 1

दक्षिण के राज्य और कांग्रेस की स्थिति

राज्य कुल सीटें कांग्रेस व यूपीए भाजपा व एनडीए अन्य
तमिलनाडु 39 38 1 0
केरल 20 19 0 1
तेलंगाना 17 3 4 10
कर्नाटक 28 1 27 0
आंध्र प्रदेश 25 0 0 25
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