उत्तरप्रदेशराज्य

पिता की हत्या की खबर सुन जेल में ही बेहोश हो गया बेटा उमर, जानें कितना बड़ा था परिवार

 लखनऊ

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार को पुलिस कस्टडी में मीडिया के सामने हत्या कर दी गई। हमला करने वाले तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर भी कर दिया।  बताया जा रहा है कि अतीक की हत्या गैंगवार में हुई है जो कि हथियारों को लेकर थी। हालांकि अब तक हत्या की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। अतीक अहमद वह शख्स था जिसने कई साल तक अपना डर फैलाकर राजा की तरह शासन किया। 50 दिनों के अंदर ही उसका 44 साल का साम्राज्य ढह गया। एक दिन पहले ही उसका तीसरे नंबर का बेटा असद एनकाउंटर में मारा गया। अतीक का परिवार देखते ही देखते तबाह हो गया।

जेल में बेहोश हो गया बेटा
मीडिया से एक सवाल में अतीक ने कहा था, हम मिट्टी में मिल गए। पिता की हत्या की खबर सुनकर उसका बड़ा बेटा जेल में ही बेहोश हो गया। अतीक का बेटा उमर अहमद लखनऊ की जेल में बंद था। उमर भी एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ मारपीट और अपहरण का आरोपी है। उसपर पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उमर ने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

अतीक अहमद का कितना बड़ा परिवार
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। बता दें कि साल की शुरुआत में ही शाइस्ता परवनी बीएसपी में शामिल हुई थीं। चर्चा यह भी थी कि प्रयागराज से उन्हें मेयर पद का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। हालांकि बाद में मायावती ने इस बात से इनकार कर दिया था। पुलिस ने शाइस्ता के खिलाफ भी 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

दो बेटे जेल में
अतीक अहमद के पांच बेटे थे। तीसरे नंबर का बेटा असद अहमद एनकाउंटर में मारा गया। वह पांच महीने से फरार चल रहा था। उसके अलावा मोहम्मद अहजम, मोहम्मद उमर, मोहम्मद अली और मोहम्मद आबान हैं। मोहम्मद अली और मोहम्मद उमर जेल में बंद हैं। अतीक अहमद का पूरा परिवार ही अपराध में लिप्त था। पुलिस अतीक के एक अन्य बेटे की तलाश कर रही है। अतीक के पांच बेटों में से चार का आपराधिक रिकॉर्ड है। वे मारपीट, दबंगई, अपहरण, रंगदारी वसूलने जैसे काम करते रहते थे। मारे गए असद पर पुलिस ने पांच लाख का इनाम रखा था।

भाई अशरफ की क्राइम कुंडली
अतीक अहमद जब 2004 में फूलपुर सीट पर सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीत गया था तो उसकी विधानसभा सीट इलाहाबाद पश्चिम खाली हो गई। इसपर अतीक के छोटे भाई अशरफ ने उपचुनाव लड़ा। सपा ने उसे टिकट दे दिया था। अशरफ बसपा के राजू पाल के आगे हार गया था। अतीक और अशरफ इस हार को पचा नहीं पाए। राजू पाल की कुछ महीने बाद ही दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। दो अन्य लोगों की भी इस हत्याकांड में मौत हो गई थी। अशरफ और अतीक का इस हत्याकांड से सीधा कनेक्शन सामने आया था।

 

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