देश

बनेगा मिट्टी का रिपोर्ट कार्ड, बढ़ेगी किसानों की आय; अधिक कारगर और लाभदायक साबित होगी औद्यानिक खेती

नई दिल्ली
 किसानों की आय बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। अब जमीन का ऐसा रिपोर्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जो किसानों की किस्मत बदल सकती है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की वाटरशेड प्रबंधन योजना-2.0 में भूमि संसाधन विभाग ने अब लैंड रिसोर्स इन्वेंटरी को शामिल किया है। इसमें दो मीटर तक मिट्टी की जांच कर उस जमीन का भूमि संसाधन कार्ड बनाया जाएगा, जिससे किसान पहले ही जान सकेंगे कि उस भूमि पर कौन सी औद्यानिक खेती अधिक कारगर या लाभदायक साबित होगी।

वाटरशेड परियोजना के तहत कृषि भूमि का जल स्तर और परती भूमि को कृषि योग्य बनाने पर पहले से काम चल रहा है। अब इस योजना के दूसरे चरण में लैंड रिसोर्स इन्वेंटरी को भी जोड़ा गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं। इसी उद्देश्य के साथ इस परियोजना पर काम शुरू हुआ है। विश्व बैंक की सहायता से कर्नाटक और ओडिशा में शत-प्रतिशत भूमि पर लैंड रिसोर्स इन्वेंटरी बनाने का काम चल रहा है। उसे ही अब मंत्रालय ने देशभर के लिए आगे बढ़ाया है।

सभी राज्यों में चल रही वाटरशेड परियोजना

भूमि संसाधन विभाग के सचिव अजय तिर्की ने बताया कि वाटरशेड परियोजना सभी राज्यों में चल रही है। शुरुआत में तय किया गया है कि वाटरशेट प्रोजेक्ट की कम से कम दस प्रतिशत भूमि की लैंड रिसोर्स इन्वेंटरी बनाई जाएगी। इस प्रक्रिया में दो मीटर तक जमीन की जांच कर पता लगाया जाता है कि मिट्टी का प्रकार कैसा है? उसमें पथरीला हिस्सा कितना और कहां तक है? नमी कितनी है? जल धारण की क्षमता कितनी है? सिंचाई करने पर पानी कहां तक पहुंच सकता है? इसके साथ ही उस जमीन में किस सतह पर किस रसायन की अधिकता या कमी है? इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर उस जमीन का भूमि संसाधन कार्ड बनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि उसी आधार पर किसान वहां ऐसे पेड़ लगा सकते हैं, जो उसे अच्छा फल या उपज दे सकते हैं। उसकी आय बढ़ना लगभग तय हो जाता है। सचिव ने बताया कि कई ऐसे उदाहरण सर्वे के दौरान सामने आए कि पेड़ लग गए, बड़े भी हो गए, लेकिन भूमि में किसी प्रकार की रासायनिक और ढांचागत कमी की वजह से फल नहीं मिल सके या बाद में कोई रोग लग गया। वहीं, भूमि संसाधन कार्ड में यह भी सुझाव दिया जाएगा कि इस जमीन पर कौन से पेड़-पौधे लगाया जाना अधिक उपयुक्त है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button