भारत टाकीज ब्रिज की मरम्मत के काम की गति धीमी, हजारो वाहन 3 किमी का चक्कर लगाने को मजबूर
भोपाल
राजधानी में बने भारत टाकीज ब्रिज के मरम्मत का काम धीमी गति से चलने के कारण उसके आसपास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसके दुरुस्त में दो महीने का समय लगेगा। सवाल यह उठता है कि अगर यह बारिश से पहले पूरा नहीं हुआ तो सारी मेहनत बेकार हो सकती है। इंजीनियरों का दावा है कि मरम्मत के बाद ओवरब्रिज की उम्र 25 वर्ष और बढ़ जाएगी। अभी मरम्मत के लिए ओवरब्रिज के ऊपर एक तरफ की सड़क को खोद दिया गया है और मेंटेनेंस का काम कराया जा रहा है। ब्रिज पर आवाजाही रोक दी गयी है। इससे वहां पर रहने वालों को तीन किमी का चक्कर लगा कर अशोका गार्डन होते हुए आना पड़ रहा है।
बदले जा रहे हैं ब्रिज के बैरिंग
48 साल पुराने ब्रिज के बैरिंग कमजोर हो गए थे। वहीं ब्रिज पर जगह जगह से सरिए बाहर निकल आए थे। ब्रिज के किनारे बनी रैलिंग भी टूट रही है। ब्रिज के ऊपर के फुटपाथ के टाइल्स जगह-जगह से उखड़ गई है। ब्रिज के बीच में दरारें आ गई थीं। वहीं सीमेंट भी उखड़ कर नीचे गिर रहा है। ब्रिज के बीचों-बीच और एप्रोच रोड में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे। वहीं सात साल पहले 2015 में पुल के कमजोर हिस्से के अचानक नीचे गिरने के कारण दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
फैक्ट फाइल
ओवरब्रिज का निर्माण वर्ष : 1974
नवीनीकरण में होने वाला खर्च : 1.25 करोड़ (लगभग)
रोजाना गुजरने वाले वाहनों की संख्या : 4 लाख (लगभग)
मरम्मत के दौरान कराए जाएंगे यह काम
ओवरब्रिज के 74 बैरिंग को फिर से बदला जाएगा।
ब्रिज की खराब सड़क को फिर से बनाया जाएगा।
फुटपाथ को एक बार फिर से नया स्वरूप दिया जाएगा।
ओवरब्रिज की रेलिंग को फिर से नए तरीके से बनाया जाएगा।
भारत टाकीज ओवरब्रिज में लंबे समय से मरम्मत नहीं होने से इसके कलपुर्जे कमजोर हो गए थे। इस कारण इसका नवीनीकरण कराना जरूरी हो गया है। वर्तमान में ब्रिज का जो नवीनीकरण कराया जा रहा है, इसके कारण ब्रिज की उम्र लगभग 25 साल बढ़ जाएगी।
जावेद शकील, एसई, पीडब्ल्यूडी