एक झूठ से डूब गया Silicon Valley Bank , दुनियाभर में हाहाकार
न्यूयोर्क
अमेरिका का बड़ा बैंक सिलिकॉन वैली (Silicon Valley) दिवालिया हो गया है। बैंक अमेरिका का डूबा है, लेकिन चर्चा दुनियाभर में हो रही है। जिस बैंक के बारे में एक हफ्ते पहले तक अधिकांश लोग जानते तक नहीं थे, आज उसे लेकर हाहाकार मचा है। इस बैंक के बंद होने से ना केवल अमेरिकी की बैंकिंग सेक्टर की हालात खराब हो गई है बल्कि दुनियाभर में मंदी का खतरा मंडराने लगा है। इस बड़े बैंक की हालात ऐसी हो गई है रेगुलेटरी को उसे बंद करना पड़ा।
अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर में उठे इस तूफान का असर भारत पर भी पड़ना तय है। ऐसे में उस शख्स के बारे में जानना भी जरूरी है, जिसके हाथों में इस बैंक की कमान थीं।
ग्रेग बेकर की बढ़ी मुश्किलें
सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि कंपनी के सीईओ ग्रेग बेकर (Greg Becker) को एक और बड़ा झटका लगा। कंपनी के शेयररहोल्डर्स ने सिलिकॉन वैली बैंक के पैरेंट SVB फाइनेंशियल ग्रुप और इसके सीईओ ग्रेग बेकर के खिलाफ मुकादमा दर्ज किया गया है। उनपर शेयरधारकों ने धोखा देने का आरोप लगा है।
उनपर आरोप लगे हैं कि बैंक के दिवालिया होने से ठीक पहले ग्रेग ने 36 लाख डॉलर के शेयर बेच दिए , उन्होंने जानकारी छिपाई। ग्रेग बेकर पर आरोप लग रहे हैं कि उनके खराब फैसलों और उनकी गलती की वजह से बैंक पर ताला लग गया ।
कौन है बैंक के दिवालिया होने का जिम्मेदार
यूएस टेक सेक्टर ने बैंक के दिवालिया होने के लिए सिलिकॉन वैली बैंक के सीईओ ग्रेग बेकर को जिम्मेदार ठहराया है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक सीईओ की गलती की वजह से नुकसान हुआ। सीईओ ने लेंडर की फाइनेंशियल दिक्कतों को सामने रखना ही भारी पड़ा है।
बैंक की स्थिति जानकर सभी लोग परेशान और हैरान हुए। बैंक के असेट मैनेजमेंट में काम करने वाले कर्मचारी ने कहा कि सीईओ का कदम मूर्खतापूर्ण था। सीईओ की गलती के कारण बैंक पर ताला जड़ गया। सीईओ ने ट्रांसपेरेंसी और स्पष्टता रखने का करण बैंक की स्थिति हिल गई।सीईओ ने जैसे ही कैपिटल में 2.25 अरब डॉलर और असेट्स सेल्स में 21 अरब डॉलर फंड जुटाने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद टेक स्टार्टअप्स ने 24 घंटे के भीतर 42 अरब डॉलर बैंक से निकाल लिए।
इसके बाद बैंक का 985 मिलियन डॉलर के निगेटिव कैश बैलेंस रह गया। येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के चीफ एक्जीक्यूटिव लीडरशिप इंस्टीट्यूट के जेफ सोननफील्ड ने ग्रेग बेकर के लीडरशिप की आलोचना की। वहीं बाजार जानकारों की माने तो फेडरल रिजर्व भी जिम्मेदार है।
24 घंटे में बेकर ने दिया था भरोसा, फिर क्या हुआ?
साल 1993 में ग्रेग बेकर ने SVB की कमान संभाली थी। सीवीबी बैंक ने पहले बेकर ने डॉटकॉम बबल की कमान संभाली थी। साल 2011 में उन्हें सीवीबी फाइनेंशियल ग्रुप का सीईओ बनाया गया था। सिलिकॉन वैली संकट को लेकर उन्होंने 24 घंटे पहले कहा था कि सब ठीक है।
लोगों का पैसा सुरक्षित है, लेकिन 24 घंटे बाद स्थिति पूरी तरह से पलट गई। जनवरी में भी बेकर ने भरोसा दिलाया था कि बैंक की स्थिति ठीक है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। अब उनपर जानकारी छिपाने का आरोप लग रहा है। ग्राहक और निवेशक ही नहीं बैंक के कर्मचारी भी ग्रेग के फैसलों से नाराज हैं।
ग्रेग बेकर कौन हैं
ग्रेग का जन्म 1971 में अमेरिका में हुआ। उन्होंने इंडियाना यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। ग्रेग के करियर की बात करें तो साल 1993 में वो बतौर बैंकर सीवीबी बैंक से जुड़े। मई 1993 में उन्हें COO नियुक्त कर दिया गया। साल 2008 में उन्हें सिलिकॉन वैली बैंक और सिलिकॉन फाइनेंशिल ग्रुप का प्रेसिडेंट बनाया गया।
साल 2011 में उन्हें सिलिकॉन वाली बैंक और SVB का सीईओ नियुक्त कर दिया गया। बेकर को साइकिल चलाने, किताबे पढ़ने का शौक है। अगर नेटवर्थ देखें तो 27 फरवरी 2023 के मुताबिक ग्रेग बेकर का नेटवर्थ 38.2 करोड़ डॉलर है। 19 सालों में बेकर ने SIVBP के 25,356607 डॉलर के शेयर बेचे हैं। जबकि उनके पास अभी भी 12,451 शेयर हैं, जिसकी कीमत करीब 2,118,961 डॉलर है। बतौर प्रेसिडेट बेकर 10,677,500 डॉलर की कमाई करते हैं।