शिंदे गुट हुआ कमजोर, अजित पवार को मिलेगा वित्त मंत्रालय, 22 MLA नाराज
मुंबई
महाराष्ट्र की सरकार में एनसीपी के अजित पवार गुट की एंट्री के बाद सीएम एकनाथ शिंदे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। खबर है कि अजित पवार को वित्त मंत्रालय मिल सकता है। इसके अलावा उनके समर्थक मंत्रियों को ऊर्जा मंत्रालय जैसे अहम विभाग मिल सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो फिर एकनाथ शिंदे गुट के लिए यह झटके की तरह होगा, जो अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने का विरोध करता रहा है। इसकी वजह यह है कि शिवसेना से बगावत के दौरान एकनाथ शिंदे गुट ने अजित पवार वाले वित्त मंत्रालय को भी वजह बताया था। शिंदे गुट का कहना था कि अजित पवार एनसीपी विधायकों के इलाकों के लिए ही फंड देते हैं।
अब अजित पवार की एंट्री के बाद से एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की चिंताएं फिर से बढ़ गई हैं। बुधवार को ही अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल दिल्ली पहुंचे हैं। दोनों नेताओं ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात का वक्त मांगा है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में एनसीपी से आए नेताओं को विभागों के बंटवारे पर मुहर लग सकती है। हालांकि इस बीच यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि फिलहाल कैबिनेट विस्तार नहीं होगा। इसका मतलब हुआ कि एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को और इंतजार करना होगा, जो मंत्री पद का दावा ठोक रहे थे।
अजित पवार वित्त मंत्रालय पर ही क्यों अड़े हैं
खबर है कि अजित पवार ने भाजपा लीडरशिप से मांग की है कि उन्हें वित्त मंत्रालय दे दिया जाए। इसका उनके पास अनुभव है, लेकिन वह होम मिनिस्ट्री और शहरी विकास मंत्रालय नहीं चाहते। एकनाथ शिंदे गुट इसके खिलाफ है, लेकिन भाजपा यह समझाने की कोशिश कर रही है कि उसने अपने हिस्से के मंत्रालय ही उसे दिए हैं। शिंदे गुट के सूत्रों का कहना है कि कुल 22 विधायक नाराज चल रहे हैं। यही नहीं कई विधायक तो वापस उद्धव ठाकरे खेमे में जाने का भी प्लान बना रहे हैं।
शिंदे से ज्यादा सरकार पर है फडणवीस की छाप, क्या आरोप
एकनाथ शिंदे ने बीते साल जून में ही उद्धव ठाकरे से बगावत की थी और 40 विधायकों को लेकर भाजपा संग सरकार बना ली थी। तब वह सीएम बने और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। हालांकि विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि सरकार में एकनाथ शिंदे से ज्यादा देवेंद्र फडणवीस की छाप है।