शाइस्ता, आफशां, पायल…यूपी पुलिस के लिए माफियाओं से बड़ी चुनौती बनीं उनकी पत्नियां
लखनऊ
अंडरवर्ल्ड में सालों तक आतंक का पर्याय बने रहे माफिया नेस्तनाबूद कर दिए गए तो उनकी पत्नियां अब पुलिस और एसटीएफ के लिए मुसीबत बनी हुई हैं। पुलिस को नाकों चने चबवाने वाले माफिया अतीक अहमद, जीवा, अशरफ की हत्या कर दी गई। मुख्तार अंसारी जेल में बंद है और उसका दबदबा अब जाता रहा। फिर भी इन माफिया के कई राज और नेटवर्क की हर कड़ी को समझने वाली पत्नियां फरार हैं। तीन महीने से खुफिया एजेन्सियों के साथ पुलिस और एसटीएफ के हाथ इन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
अतीक की पत्नी शाइस्ता ने सबसे अधिक छकाया
प्रयागराज में अतीक के साथ ही उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन का भी खासा रुतबा था। राजू पाल हत्याकाण्ड के गवाह उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। इस हत्या से यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे। सीएम योगी ने विधानसभा सत्र में कह दिया था कि उमेश की हत्या करवाने वाले माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। एसटीएफ ने हत्या में शामिल अतीक के बेटे असद और गुलाम को 13 अप्रैल को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। 15 अप्रैल को अतीक व अशरफ की तीन युवकों ने पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी थी। अतीक के बेटे व अन्य शूटरों तक एसटीएफ पहुंच गई पर अतीक की पत्नी शाइस्ता, अशरफ की पत्नी जैनुब अब भी हाथ नहीं आई हैं। ये दोनों उमेश हत्याकाण्ड की साजिश में शामिल होने की आरोपित हैं। शाइस्ता पर 50 हजार इनाम है। जैनुब पर इनाम घोषित करने की कवायद चल रही है। शाइस्ता पर पहला मुकदमा 2009 में दर्ज हुआ।
मुख्तार की पत्नी अफशां पर नौ मुकदमे
बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां के खिलाफ नौ मुकदमे दर्ज हैं। उस पर गाजीपुर जिले से 50 हजार और मऊ से 25 हजार इनाम घोषित है। अफशां पर 31 जनवरी, 2022 को गैंगस्टर लगा था। मनी लांड्रिंग का केस भी ईडी ने कर रखा है। अफशां की तलाश में ईडी के साथ एसटीएफ भी लगी पर उसका नेटवर्क नहीं तोड़ पा रही है। ये तब है जब मुख्तार गिरोह पूरी तरह से कमजोर हो चुका है।
जीवा की पत्नी पायल भी चुनौती
मुख्तार के करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पत्नी पायल भी शाइस्ता और अफशां की तरह पुलिस को नाको चने चबवा रही है। जीवा की हत्या के बाद पायल अपने वकील से लेकर कई परिचितों के सम्पर्क में आई। उसके वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी कि उसे पति जीवा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दी जाए पर पुलिस और एसटीएफ उस तक नहीं पहुंच सकी। सैकड़ों नम्बर सर्विलांस पर लेकर पड़ताल का दावा करने वाली पुलिस इन महिलाओं तक नहीं पहुंच पा रही है।