BJP की पहली लिस्ट पर शाह की झलक, पट्ठावाद कमजोर, वोटर्स पर पकड़ का रखा ध्यान
ग्वालियर
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी की गई पहली सूची में पार्टी की शाह नीति की झलक साफ दिखाई देती है। लिस्ट जारी करने के मामले में बाजी मारते हुए बीजेपी ने ये भी सीधा संदेश दिया है कि पार्टी उन पर ही भरोसा जताएगी जिनके साथ मजबूत संभावनाएं नजर आएं। लिस्ट में शामिल अधिकांश नाम बताते हैं कि इस बार पार्टी पुराने चुनावों की हार के अलावा उम्र का बंधन, परिवारवाद और वरिष्ठता जैसे मापदंडों से भी समझौता करने में कतई गुरेज नहीं करने वाली है।
सिर्फ बड़े नेताओं का खास होने के दम पर टिकट पाने की उम्मीद पाले बैठे नेताओं के लिए बीजेपी की पहली सूची एक बड़ा सबक है। खास तौर से ग्वालियर-चंबल संभाग से जिन आधा दर्जन नामों की घोषणा की गई है, उनमें भी भाजपा टिकट वितरण संबंधी कई पुरानी परिपाटियों को तोड़ती नजर आ रही है। इससे उन लोगों में भी टिकट मिलने का भरोसा मजबूत हुआ है, जो पट्ठावाद के समीकरणों में फिट नहीं बैठ रहे।
सिंधिया के करीबी एंदल पर जताया भरोसा, रणवीर को किया किनारे: ग्वालियर-चंबल संभाग से जिन नेताओं का टिकट मिला उनमें सुमावली से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी एंदल सिंह कंषाना पर संगठन ने भरोसा जताया है, जबकि गोहद से रणवीर जाटव का पत्ता कट गया। बीजेपी ने अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्टÑीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य के नाम का ऐलान कर दिया है। पिछोर से एक बार फिर पार्टी से निष्कासित किए जा चुके प्रीतम सिंह लोधी को उमा भारती के कोटे के साथ वहां भाजपा के लिए विकल्पहीनता का भी लाभ मिला है, जबकि सबलगढ़ में सरला यादव को रिपीट किया गया है। उधर चाचौड़ा में युवा नेता प्रियंका मीणा को मैदान में उतारा गया है। वहीं चंदेरी में जगन्नाथ सिंह रघुंवशी पर संगठन ने मुहर लगाई है।