कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय शिव महापुराण कथा शुरू, उमड़े लाखों श्रद्धालु
सीहोर
मुख्यालय के समीपस्थ्य ग्राम हेमा चितावलिया स्थित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में गुरूवार से सात दिवसीय शिव महापुराण कथा शुरू हो गई। कथा सुनने देशभर से बडी में श्रृद्धालु यहां पहुंच चुके हैं। तो शुक्रवार को महा शिवरात्री मनाने श्रृद्धालुओं का आने का क्रम लगातार बना हुआ है। मंदिर परिसर में करीब एक लाख लोग मौजूद हैं। कथा को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन काफी दिनों से तैयारियों में जुटा हुआ था बीते साल यहां पर हुई अव्यवस्था और हाईवे पर ट्रैफिक जाम को ध्यान में रखते हुए यातायात को सुगम बनाने के लिए पुलिस ने भारी वाहनों के लिए पहले ही अलग रूट निर्धारित कर दिया था जिससे इंदौर-भोपाल हाइवे पर यातायात सुचारू रहा। मंदिर परिसर में श्रृद्धालुओं के ठहरने के लिए तीन डोम बनाए गए हैं जो खचाखच भर चुके हैं वहीं शहर के होटल और लाज और धर्मशाला पूरी तरह फुल हो गए हैं। कई लोग अपने घरों में भी श्रृद्धालुओं को सशुल्क सेवाएं दे रहे हैं।
जाम से निपटने हजारों जवान तैनात
बीते वर्ष कुबेरेश्वर धाम में हुए रूद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण के दौरान पहले ही दिन अधिक भीड आ जाने से भारी अव्यवस्था फैल गए थी। इंदौर भोपाल हाइवे पर कई किलोमीटर में महाजाम लग गया था जिसमें हजारो की संख्या में वाहन फंस गए थे। पूरे दिनभर यहां जाम की स्थिति बनी रही तो वहीं मंदिर परिसर में भी भीड अनियंत्रित हो गई थी। बीते साल के कडवे अनुभव को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन ने जगह-जगह खाली खेतों में पार्किंग स्थल बनाए तो वहीं भारी वाहनों को निकलने के लिए रूट डायवर्ट किया। यायायात और भीड नियंत्रण के लिए इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, सीहोर करीब 1500 जवान जगह-जगह तैनात किए गए हैं। इनमें एसएएफ, एसटीएफ, यातायात बल और आर्म फोर्स के जवान अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
दिल का दौरा पड़ने से बुजुर्ग की मौत
कुबेरेश्वर धाम में शिव महापुराण सुनने के लिए के लिए देशभर से श्रृद्धालु दो दिन पहले से ही पहुंचना शुरू हो गए थे इस दौरान अपने परिवार के साथ लखनऊ उत्तर प्रदेश से पहुचे 65 वर्षीय रामगोपाल पिता रामसिंह वर्मा की गुरूवार सुबह दिल का दौरा पडने से मौत हो गई। मृतक की बहन सुशीला देवी ने बताया कि हम छह लोग यहां आए थे तेज धूप होन से उन्हें चक्कर आए जिससे वह जमीन पर गिर गए, इसके बाद अस्पताल पहुचे तो डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।