छात्रवृत्ति घोटाला : बच्चों को दो से तीन बार छात्रवृत्ति वितरित कर दी गई स्कॉलरशिप
भोपाल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों के लिए पोस्ट और प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति वितरण में कई तरह की गड़बड़ियां उजागर हुई है। कई मामलों में एक ही कक्षा में अध्ययनरत बच्चों को दो से तीन बार छात्रवृत्ति वितरित कर दी गई।
कई मामलों में बच्चों और पालकों के बजाय दूसरों के खातोें में छात्रवृत्ति वितरित कर दी गई। इसको लेकर महालेखापरीक्षक ने आपत्ति जताई है और स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव से जवाब मांगा है। महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने आरक्षित वर्ग के बच्चों के छात्रवृत्ति वितरण के मामलों की जांच के लिए एक आॅडिट दल बनाया था। इस जांच दल नें दस जिलों में चिन्हांकित शालाओं का भ्रमण किया था। इन योजनाओं के आॅडिट में जमकर गड़बड़ी मिली है।इसको लेकर विभाग से प्रतिवेदन मांगा गया है।
इसमें विद्यार्थियों को छारत्रवृत्ति का भुगतान उन बैंक खातों में किया गया जो विद्यार्थी या उसके पालक से संबंधित नहीं थे। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति प्री मीट्रिक योजना अंतर्गत लाभान्वित विद्यार्थियों को अन्य वर्षो में अन्य योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया गया। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति प्री मीट्रिक योजना में पालक की आय दो लाख से ढाई लाख होंने पर ही योजना का लाभ दिया जाना था लेकिन विद्यार्थियों के आवेदन के साथ आय प्रमाणपत्र संलग्न ही नहीं किए गए थे। और उन्हें छात्रवृत्ति वितरित कर दी गई।
यह हैं आपत्तियां
अनुसूचित जाति प्री मीट्रिक योजना के संबंध में आॅडिट पेरा एवं सुचिया आगर मालवा, बैतूल, भिंड, भोपाल, छिंदवाड़ा, देवास, ग्वालियर, इंदौर, सागर, उज्जैन में 30 जनवरी 2023 को एवं जनजाति के संबंध में आॅडिट पैरा एवं सूचियां आगर मालवा, अनूपपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, बैतूल, धार, झाबुआ, मंडला, शहडोल को 13 फरवरी 2023 तक भेजी गई है। इन आपत्तियों का विद्यार्थीवार प्रतिवेदन भी मांगा है।