कर्वी फिगर और टोन्ड बॉडी की मालकिन सलमा हायेक ने इंस्टाग्राम पर सौना थेरेपी की फोटो
हॉलीवुड एक्ट्रेस सलमा हायेक अपनी दमदार एक्टिन स्किल के लिए दुनिया भर में जानी जाती हैं, हालांकि, जब वह एक्टिंग की दुनिया से दूर होती हैं, तब वह खुद की सेल्फ केयर को प्राथमिकता देती हुई दिखाई देती हैं। अपने कर्वी फिगर और टोन्ड बॉडी को फ्लॉन्ट करने से लेकर बिना मेकअप की सेल्फी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने तक का जो कॉन्फिडेंस सलमा में है, वो ज्यादातर इस उम्र की एक्ट्रेसे में कम ही दिखता है।
56 साल की सलमा हायेक देखते ही देखते कुछ ही वर्षो में 60 की उम्र का पड़ाव भी छू लेंगी। इस उम्र में जहां हमें और आपको जोड़ों का दर्द और तमाम बीमारियां घेरने लगती है, वहीं सलमा उम्मीद से कहीं ज्यादा फिट और हॉट नजर आने लगी हैं। हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर टॉवेल में लिपटे हुए बेंच पर लेटे हुए एक फोटो डाली है।
इसे देखकर कोई भी कह सकता है कि वह सौना थेरेपी का आंनद उठा रही हैं। क्या सौना उनकी खूबसूरत स्किन और जवानी का राज है, चलिए जानते हैं इसके फायदों के बारे में।
सौना थेरेपी क्या है?
सौना थेरेपी कई हजार वर्षों से इस्तेमाल होती आ रही है। Harvard Health Publications के अनुसार, अपने विभिन्न चिकित्सीय लाभों के लिए, माया सभ्यता के लोग 3,000 साल पहले से सौना का उपयोग करते थे। वहीं, फिनलैंड में तो सौना का उपयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है। वहां अभी भी 3 में से 1 इंसान इसका उपयोग करता है।
सौना थेरेपी एक तरह की हीट थेरेपी होती है। शरीर पर हीट लगाने से रक्त वाहिकाएं खुल जाती हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। ऐसा होने पर उस पेनफुल टिश्यू के आसपास जमी गंदगी बाहर निकलने लगती है, जिससे हीलिंग प्रोसेस में तेजी आने लगती है। इससे मांसपेशियों में की ऐंठन और स्ट्रेस के कारण होने वाले दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा सौना शरीर को रिलेक्स करता है।
स्किन को बनाए चमकदार और जानदार
कोलेजन वह प्रोटीन है जो हमारे टिशू और अंगों को मजबूती और लचीलापन देता है। सौना बाथ की गर्मी कोलेजन उत्पादन को बढ़ाती है, जिससे रंग साफ होता है और स्किन चमकदार बनती है। यह डेड स्किन को निकाल देता है और नई कोशिकाओं का विकास करता है। इससे स्किन पर झुर्रियों का आना भी कम होने लगता है क्योंकि यह सिबेशियस ग्लैंड को एक्टिव कर देता है, जो स्किन को नम और चिकना बना देता है।
जोड़ दर्द-स्पैज्म और ऐंठन को दूर कर सकती है
सौना थेरेपी से मांसपेशियों की ऐंठन, मांसपेशियों में खिंचाव और जोड़ों के दर्द से राहत के इलाज के लिए किया जा सकता है। इससे शरीर में लचीलापन भी आता है और मासपेशियों को गर्माहट भी मिलती है।
मेटाबॉलिज्म बढ़ाए वजन घटाए
रिसर्च के अनुसार सौना थेरेपी से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और इम्यून सिस्टम और नर्वस सिस्टम रेगुलेट होता है। इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि यह कैलोरी बर्न करने का भी काम करती है। जी हां, यह बॉडी टेंपरेचर को बढ़ा देती है। रिसर्च में पाया गया है कि सौना के एक सेशन से रनिंग तक के बराबर की कैलोरी बर्न हो सकती है।
सौना थेरेपी का उपयोग कैसे करें
वैसे तो इस पर अभी तक कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है कि इसे किस बीमारी में कैसे उपयोग करना चाहिए। मगर इन्फ्रारेड सौना का उपयोग आमतौर पर 5-20 मिनट तक सप्ताह में तीन से सात दिन कर सकते हैं। वहीं पारंपरिक सौना थेरेपी सप्ताह में 2-3 दिन कर सकते हैं।