खुदरा फर्मों की बिक्री में जुलाई में नौ प्रतिशत की वृद्धि: RAI survey
नई दिल्ली
खुदरा कारोबार करने वाली फर्मों के मंच रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) की एक नई सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई, 2023 में खुदरा कारोबारियों की बिक्री में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी है।
सर्वे के अनुसार अब ग्राहकों की दिनचर्या सामान्य हो गयी है और वे सामान की तलाश ऑनलाइन मंचों पर करके उसकी खरीद के लिए दुकानों पर आने लगे हैं।
आरएआई सर्वे के 42वें संस्करण के निष्कर्षों के बारे में एसोसिएशन के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा, “खुदरा विक्रेताओं ने जुलाई 2023 के महीने में अपने कारोबार में नौ प्रतिशत की वृद्धि देखी।”
उन्होंने कहा कि क्यूएसआर (त्वरित सुविधा वाले रेस्त्रां) और खाद्य और किराना कारोबार की बिक्री में क्रमशः 15 प्रतिशत और 14 प्रतिशत की वृद्धि दिखी, जबकि आभूषणों में 12 प्रतिशत तथा खेल-कूद के सामानों की बिक्री में 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
राजगोपालन ने कहा, “उपभोक्ताओं की दिन चर्या अब अपनी सामान्य गति में आ गयी है और ऐसे में हम ओ2ओ का रुझान देख रहे हैं जिसमें ग्राहक अपनी पसंद का माल ऑनलाइन मंचों पर तलाशते हैं लेकिन खरीदारी दुकान में करते हैं।”
सर्वे के अनुसार देश के सभी भौगोलिक क्षेत्रों के खुदरा व्यवसायों ने जुलाई 2022 की तुलना में इस वर्ष जुलाई में बिक्री में वृद्धि का अनुभव किया है। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया देश में संगठित क्षेत्र के खुदरा विक्रेताओं का फोरम है।
कंपनी से कर्मियों को मिलने वाले किराया-रहित आवास का मूल्यांकन करने के लिए नियम संशोधित
नई दिल्ली
आयकर विभाग ने कंपनी की ओर से कर्मियों को दिए गए किराया-रहित आवास का मूल्यांकन करने के लिए नियम बदल दिए हैं। इससे अच्छा वेतन पाने वाले और नियोक्ता कंपनी की ओर से मिलने किराया-रहित आवास में रहने वाले कर्मी अब और ज्यादा बचत कर सकेंगे और वेतन के तौर पर वह ज्यादा नकदी ले सकेंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर नियमों में संशोधन किया है। ये नियम एक सितंबर से प्रभावी हो जाएंगे।
अधिसूचना के अनुसार, जहां केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को सिर्फ आवास (अनफर्निश्ड) प्रदान किया जाता है और ऐसा आवास नियोक्ता के स्वामित्व में है, तो मूल्यांकन होगा- 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वेतन का 10 प्रतिशत (15 प्रतिशत से कम)। पहले यह नियम 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख से अधिक आबादी के लिए था। 2011 की जनगणना के अनुसार 15 लाख से अधिक लेकिन 40 लाख से कम आबादी वाले शहरों में वेतन का 7.5 प्रतिशत (10 प्रतिशत से कम)। पहले यह 2001 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक लेकिन 25 लाख से अधिक नहीं था।
एकेएम ग्लोबल टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि जो कर्मचारी पर्याप्त वेतन प्राप्त कर रहे हैं और नियोक्ता से आवास प्राप्त कर रहे हैं, वे अधिक बचत कर सकेंगे क्योंकि संशोधित दरों के साथ उनका कर योग्य आधार अब कम होने जा रहा है।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गौरव मोहन ने कहा कि इन प्रावधानों में 2011 की जनगणना के आंकड़ों को शामिल किया गया है और इसका उद्देश्य अनुलाभ मूल्य गणना को तर्कसंगत बनाना है। मोहन ने कहा, "किराया-मुक्त आवास का लाभ लेने वाले कर्मियों के कर योग्य वेतन में कमी आएगी, जिससे घर ले जाने वाले शुद्ध वेतन में वृद्धि होगी।"