CM गहलोत के खिलाफ अजमेर से जयपुर 5 दिन की पदयात्रा निकालेंगे सचिन पायलट
जयपुर
राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले 3 साल से जारी अंदरूनी कलह मंगलवार को खुलकर सामने आ गई. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर खुलकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, अशोक गहलोत का पिछला भाषण हमने सुना, इसे भाषण को सुनने के बाद मुझे लगता है कि उनकी (अशोक गहलोत) नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं.
सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के बयान जिक्र कर कहा, एक तरफ ये कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम बीजेपी कर रही थी. दूसरी तरफ कह रहे हैं कि हमारी सरकार वसुंधरा राजे ने बचाई थी. इस बयान में काफी विरोधाभास है. मुझे लगता है कि इसे स्पष्ट करना चाहिए.
2020 में हुई बगावत का जिक्र कर सचिन पायलट ने कहा, हम सरकार में नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे. हमने हमारी बातों को पार्टी आलाकमान के सामने रखा. कई दौर की मीटिंग के बाद कमेटी बनाई गई थी. इसमें रोडमैप तैयार हुआ. इसके बाद हम सबने कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जी जान से काम किया. ढाई साल का ये कार्यकाल हुआ, उसमें अनुशासन तोड़ने का कोई काम हमारे द्वारा नहीं किया गया.
बीजेपी नेताओं का गुणगान किया जा रहा- पायलट
पायलट ने कहा, मैंने पहली बार देखा, अपनी सरकार, अपने विधायक, अपने नेताओं को बदनाम करने का काम हो रहा है. ये समझ से परे है कि कांग्रेस विधायकों को बदनाम किया जा रहा है, जबकि बीजेपी के नेताओं का गुणगान हो रहा है.
पायलट ने कहा, परसो हम पर आरोप लगाए गए. हम अपनी पार्टी और सरकारी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे. अपनी ही सरकार को, विधायकों को बदनाम करने का काम कर रहे हैं. ये काम गलत है, हम सब दिल्ली में जो गए थे, अपनी बात को रखने के लिए. किन लोगों पर आरोप लगाए जा रहे हैं. जो पब्लिक लाइफ में 30-40 साल से हैं.
सचिन पायलट ने कहा, परसो का बयान सुनकर हमें पता चल गया कि आखिर अब तक अशोक गहलोत वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?
अजमेर से पदयात्रा करेंगे पायलट
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सचिन पायलट ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वे 11 मई से 5 दिन की जन संघर्ष यात्रा निकालने जा रहे हैं. यह यात्रा अजमेर से शुरू होगी. यात्रा भ्रष्टाचार के खिलाफ होगी. इस यात्रा के बाद कोई दूसरा फैसला लिया जाएगा.
अशोक गहलोत ने कहा था- वसुंधरा ने बचाई थी सरकार
दरअसल, कांग्रेस नेता सचिन पायलट के नेतृत्व में जुलाई 2020 में कांग्रेस के 18 विधायकों ने बगावत कर दी थी. पार्टी हाईकमान के दखल के बाद एक महीने तक चला ये सियासी ड्रामा खत्म हुआ था. इसके बाद पायलट को डिप्टी सीएम पद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था.
अशोक गहलोत ने हाल ही में धौलपुर में एक जनसभा में इस घटना का जिक्र कर दावा किया था कि 2020 में जब सचिन पायलट के नेतृत्व में कुछ कांग्रेसी विधायकों ने बगावत की थी, तब वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने उनकी सरकार बचाई थी.
गहलोत ने कहा था, ''जब वे कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने राज्य में भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. इसी तरह 2020 की बगावत के वक्त वसुंधरा राजे और मेघवाल ने कहा था, राजस्थान में चुनी हुई सरकार गिराने की कोई परंपरा नहीं है.''
कांग्रेस विधायकों से कहा कि बीजेपी का पैसा लौटा दें- गहलोत
इतना ही नहीं अशोक गहलोत ने कहा था, ''तीन साल पहले कांग्रेस विधायकों को जो पैसे बांटे गए थे, अब उस पैसे को बीजेपी वापस नहीं ले रही है. मुझे चिंता है कि पैसे क्यों वापस नहीं ले रहे जबकि मैं कह रहा हूं कि जो पैसे विधायकों से खर्च हो गए है, उस पार्ट को मैं दे दूंगा, कांग्रेस पार्टी से दिला दूंगा. उनका पैसा मत रखो, पैसा अपने पास रखोगे तो हमेशा अमित शाह आप पर दबाव बनाएंगे, वो गृहमंत्री भी हैं. वो धमकाएंगे, डराएंगे, जैसे उन्होंने गुजरात और महाराष्ट्र में धमकाया है. शिवसेना के दो टुकड़े उन्होंने कर दिए.''
वसुंधरा राजे ने किया था पलटवार
गहलोत के इस दावे के बाद राज्य में सियासी घमासान तेज हो गया है. बीजेपी नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गहलोत पर पलटवार किया था. उन्होंने कहा था, अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं. यह गहलोत की उनकी खिलाफ साजिश है.