20 हजार सैनिकों को खोकर रूस ने किया बखमुत पर कब्जा
यूक्रेन
रूस और यूक्रेन के बीच जंग के कल 15 महीने पूरे हो गए हैं। इस बीच दोनों देशों को जन-धन का भारी नुकसान हुआ है। इसी कड़ी में रूसी निजी सेना के प्रमुख वैगनर के प्रमुख ने खुलासा किया है कि बखमुत की जंग में उन्हें 20 हजार सैनिकों को खोना पड़ा है। यह आंकड़ा मॉस्को के उन दावों से अलग है, जिसमें उसने युद्ध में केवल 6,000 से अधिक सैनिकों को खोने की बात कही थी। इससे पहले सोवियत संघ ने 1979-89 के बीच अपने 15,000 सैनिकों के अफगानिस्तान युद्ध में खोया था।
वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने ये भी खुलासा किया कि 50 हजार रूसी अपराधियों में से लगभग 20 प्रतिशत यानी 10 हजार अपराधियों को युद्ध में लड़ने के लिए भर्ती किया गया था। विश्लेषकों का मानना है कि अकेले बखमुत के लिए नौ महीने की लड़ाई में लगभग 10 हज़ार सैनिकों की जान चली गई है। इसमें से अधिकतर अपराधी थे, जिन्हें युद्ध में भेजे जाने से पहले पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं मिली थी।
24 फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन ने यह नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं। वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने राजनीतिक रणनीतिकार कोन्स्टेंटिन डोलगोव के साथ प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन की सेना अपने पश्चिमी सहयोगियों से हथियारों की आपूर्ति और प्रशिक्षण के साथ मजबूत हो गई है। वैगनर के प्रमुख ने कहा कि शत्रु क्रीमिया पर हमला कर सकते हैं और पुल को उड़ाने की कोशिश कर सकते हैं। इसके साथ ही वे हमारी आपूर्ति लाइनों को काट नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, हमें एक कठिन युद्ध की तैयारी करने की आवश्यकता है।