भोपालमध्यप्रदेश

कुबेरेश्वरधाम में आज से शुरू होगा रुद्राक्ष महोत्सव, पंडित मिश्रा सुनाएंगे शिवमहापुराण, सीहोर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

सीहोर

सीहोर के चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में 7 से 13 मार्च तक भव्य रुद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है। पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में यह महोत्सव हो रहा है।

इसमें शामिल होने के लिए देशभर से भक्त पहुंच रहे हैं। रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अभी भी जारी है। श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए पंडाल खचाखच भर गए हैं। कथा सुनने के लिए साधु-संतों के साथ कई वीवीआईपी भी यहां आएंगे।

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि आज भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में रुद्राक्ष महोत्सव का श्रीगणेश किया जाएगा। रुद्राक्ष से बनाए गए शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा। दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक कथा और रात्रि में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस बार एक करोड़ से अधिक रुद्राक्षों को अभिमंत्रित किया जाएगा।

रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण कथा का आयोजन सात से 13 मार्च तक किया जाएगा। समारोह को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने पार्किग व्यवस्था की है साथ ही लोगों को जाम से बचाने के लिए रूट भी डायवर्ट किया गया है। 12 सौ से अधिक पुलिस के जवान दिन-रात यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी एक दर्जन से अधिक विभागों के आला अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी है।

इस बार व्यवस्था चाक-चौबंद
बुधवार को प्रेस वार्ता कर भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमारे क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है, देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण हम विश्व में प्रसिद्ध हो गए हैं। कुबेरेश्वरधाम पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने से रोजगार के कई अवसर मिले है और पूरा देश शिव मय हो गया है। हमारे क्षेत्रवासी यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। इसलिए हम सभी के सहयोग से इस तरह के भव्य आयोजन करते हुए आ रहे हैं।

देर रात तक जारी रहा श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला
शहर के सभी होटल, धर्मशालाओं और भवनों में भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। कथास्थल पर लगे डोम फुल हो चुके हैं, इसलिए श्रद्धालु गांव में ही अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों ने अपने घरों को होटल-धर्मशाला की तरह बना लिया है। जहां जगह खाली बची, वहां पार्किंग बनाई गई है। कथा का श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह है। आलम यह है कि सीहोर आने वाली सारी ट्रेन और बस फुल हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर रेंक के कई अधिकारियों को अलग-अलग जगह दिन-रात में तैनात किया गया है।

रुद्राक्ष का महत्व
पंडित मिश्रा ने बताया कि सनातन धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष भगवान शिव का ही एक स्वरूप है। हम इसे चाहे औषधि में लें या पानी में चढ़ाकर आचमन करें या गले में पहन लें या हमारे पूजा स्थल पर रखकर पूजा कर लें, यह फल हमें ईश्वर के होने का महत्व बताता है। इसके धारण करने या पूजा करने से कोई हानि नहीं है, बल्कि भक्ति का मार्ग ही प्रशस्त होता है।

 

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