रायपुर
पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने नामांकरण, बटांकन व डायवर्शन के लिए प्रदेश में पटवारी व आरआई के द्वारा पांच हजार रूपए सेवा शुल्क वसूली को लेकर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को विधानसभा में घेरा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि ऐसी व्यवस्था करें जिससे सेवा शुल्क न लगे।
प्रश्न काल में कांग्रेस के लखेश्वर बघेल ने यह मुद्दा उठाया। बघेल ने पूछा कि भूमि राजस्व संबंधी कार्यों के लिए क्या कोई सेवा शुल्क लगता है? मंत्री वर्मा ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। बघेल मे कहा कि लेकिन पटवारी आर आई 5000 रूपए फिक्स कर रखा है नामांतरण, बंटवारे के लिए। इसके बगैर काम नहीं होता। मंत्री ने कहा कि कहीं कोई शिकायत हो तो बताए कार्रवाई करेंगे। भाजपा के अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या सेवा शुल्क के बगैर काम न होने को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर कलेक्टर बिलासपुर ने कोई शपथ पत्र दिया है? मंत्री वर्मा ने इंकार किया। अजय ने कहा कि अगले ही दिन विशेष शिविर आयोजित कर एक दिन में एक हजार लंबित मामले निपटाए गए। मंत्री ने कहा अखबारों में पढ़ा है। पुन्नु लाल मोहिले ने कहा कि अविवादित प्रकरणों में एक माह में निपटारा क्यों नहीं हो सकता? देरी करने वाले पटवारी आर आई पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? मंत्री वर्मा ने कहा कि किसानों के लंबित प्रकरण के त्वरित निपटारे से प्रयास कर रहे हैं। समय सीमा कम करने की भी योजना बना रहे हैं।
अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सेवा शुल्क न लगे प्रयास करें। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने कहा कि यह बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश में जितने भी पटवारी, आरआई हैं उन्होंने सेवा शुल्क को बदल कर शिष्टाचार शुल्क कर दिया है। जो देना ही पड़ता है। इसे समाप्त करेंगे? राजस्व मंत्री ने कहा कि ऐसा प्रावधान ही नहीं है। तो समाप्त करने का प्रश्न ही नहीं। कांग्रेस की हर्षिता बघेल ने अपने क्षेत्र में अप्रैल-22 से लंबित 519 प्रकरणों के कारणों का मामला उठाया। मंत्री ने कहा कि गवाह उपस्थित न होने, गवाह तामिल न होने, पीठासीन अधिकारियों की व्यस्तता जैसे 4-5. कारणों से लंबित रहते हैं। इन्हें जल्द निपटया जाएगा।