खुलासा : हमास- इस्लामिल जिहाद के लड़ाकों की ट्रेनिंग ईरान में हुई थी
तेलअवीव
फिलिस्तीन के संगठन हमास और इस्लामिक जिहाद ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर भीषण हमला किया था. इस हमले से कुछ हफ्तों पहले ही हमास के सैकड़ों लड़ाकों ने ईरान में ट्रेनिंग की थी. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस मामले के जानकार खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया कि इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए नरसंहार में शामिल हमास और इस्लामिक जिहाद के करीब 500 लड़ाकों ने सितंबर में ही ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर्प्स के नेतृत्व में ट्रेनिंग ली थी. इजरायल पर हमलों में 1400 लोगों की मौत हुई है.
अखबार ने ये दावा ऐसे वक्त पर किया, जब हमले के बाद से इजरायल कत्लेआम के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगा रहा है. हमास और इस्लामिक जिहाद ने न सिर्फ इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे थे, बल्कि उनके लड़ाके बार्डर पर लगे हाई टेक बाड़ को काटकर सीमावर्ती इलाकों में घुस गए थे और आम लोगों पर गोलियां बरसाई थीं. इतना ही नहीं 224 लोगों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी में भी लाया गया था. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की बुधवार की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल पर हमले से कुछ हफ्ते पहले सैकड़ों फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने ईरान में विशेष ट्रेनिंग ली थी.
उधर, ईरान ने हमास के हमलों का स्वागत किया था. हालांकि, इसकी साजिश के पीछे होने के आरोपों को नकार दिया था. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी ब्रिगेडियर कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल इस्माइल कानी इस ट्रेनिंग सेशन में पहुंचे थे. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के कुछ घंटों बाद ही इजरायली सेना ने ईरान पर सवाल उठाते हुए हमले की साजिश में मदद करने का आरोप लगाया.
इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा, ईरान ने हमले से पहले सीधे तौर पर हमास की मदद की. उन्हें ट्रेनिंग दी, उन्हें हथियार और तकनीकी सहायता दी. इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान इजरायल के खिलाफ अभी भी खुफिया मदद दे रहा है. इससे पहले मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रॉ के साथ बैठक में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहराया था कि इजरायल ईरान, हिज्बुल्ला, हमास के लड़ाकों का सामना कर रहा है.
अखबार की रिपोर्ट ने हमास और ईरान समर्थित हिज्बुल्ला के वरिष्ठ सदस्यों के हवाले से कहा कि ईरानी अधिकारियों से 7 अक्टूबर से 5 दिन पहले बेरूत में हुई बैठक में हमले को हरी झंडी दी थी. उधर, अमेरिकी अधिकारियों ने उस रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि उसकी खुफिया जानकारी में ईरानी अधिकारियों और हमले के बीच कोई सीधा संबंध नहीं दिखाया गया है. हालांकि, उन्होंने माना कि ईरान लंबे समय से हमास का समर्थक है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि इसमें कोई सीक्रेट नहीं है कि सालों से ईरान हमास, हिज्बुल्ला और हौथिस समेत अन्य समूहों का समर्थन किया है. इन समूहों ने इजरायल पर हमले जारी रखे हैं.
जवाब में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने ब्लिंकन पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह गलत तरीके से ईरान पर दोष मढ़ने का प्रयास है. ईरान इन निराधार आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है. इससे एक हफ्ते पहले भी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका के पास इस बात का प्रत्यक्ष सबूत नहीं है कि ईरान हमले की योजना बनाने या अंजाम देने में शामिल था. हालांकि, यह बदल सकता है.