जलसंसाधन विभाग की हिला हवेली के चलते 677 करोड़ रुपए की वसूली अटकी
भोपाल
मध्यप्रदेश में जलसंसाधन विभाग के अफसरों की सुस्त चाल के चलते 677 करोड़ रुपए के जलकर की वसूली नहीं हो पाई है।इस साल के लिए 715 करोड़ 20 लाख रुपए की राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन इसमें से अभी तक 677 करोड 52 लाख रुपए की वसूली नहीं हो पाई है।
जलसंसाधन विभाग विभिन्न विभागों, उद्योगों, किसानों से जल उपयोग पर शुल्क की वसूली करता है। इस साल विभाग के विभिन्न अधिकारियों ने 37 करोड़ 67 लाख रुपए की राजस्व वसूली की है। अभी भी कई गुना ज्यादा वसूली होना बाकी है।गंगा कछार रीवा वसूली में सबसे पीछे है। यहां अभी भी 250 करोड़ 54 लाख रुपए की शुल्क वसूली होना बाकी है। चंबल बेतवा कछार भोपाल के अफसर भी 208 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर पाए है।
बाकी जलसंसाधन विभाग नर्मदापुरम 41 करोड़ 20 लाख रुपए की वसूली नहीं कर पाया है। बेनगंगा कछार सिवनी में 42 करोड़ 48 लाख रुपए की वसूली होना बाकी है। यमुना कछार ग्वालियर के अफसरों को 32 करोड़ 90 लाख रुपए की वसूली करना बाकी है। नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर में 17 करोड़ 49 लाख रुपए की वसूली नहीं हो पाई है। जलसंसाधन विभाग उज्जैन के अफसरों को 18 करोड़ 48 लाख रुपए की वसूली करना है।
मुख्य अभियंता प्रोक्योरमेंट जलसंसाधन विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया है कि वसूली में तेजी लाए और हर माह की दस तारीख को पोर्टल पर वसूली की एंट्री की जाए। उन्होंने कहा है कि अधिकांश अधिकारी राजस्व वसूली की जानकारी हर माह समय पर नहीं भेज रहे है। समयसीमा में जानकारी भिजवाए।
क्या कहते हैं आंकड़े
पूरे प्रदेश में एक अप्रैल तक 1378 करोड़ 43 लाख रुपए की वसूली ब्याज और पुराने बकाया सहित बाकी थी। इसमें चालू वर्ष 23-24 की 556 करोड़ 28 लाख रुपए की वसूली बाकी थी। इस तरह कुल 193 करोड़ 71 लाख रुपए की वसूली करना बाकी थी।इसमें से 37 करोड़ 67 लाख रुपए की वसूली ही अधिकारी कर पाए। इसके बाद भी 677 करोड़ 52 लाख रुपए की वसूली होना बाकी है।