छत्तीसगढराज्य

सीजीपीएससी में हुए भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच करवाने की मांग को लेकर रमन ने पीएम को पत्र

रायपुर

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सीजीपीएससी घोटाले की सीबीआई जांच करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है, संबंधित दस्तावेजों को संलग्न कर उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा लोक सेवा आयोग में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख युवा प्रतिभागी शामिल होते हैं, इस परीक्षा में प्रदेश के प्रमुख पदों पर भर्ती की जाती है जिसमें अधिकांश मध्यम वर्गीय परिवारों के अभ्यर्थी भाग लेते हैं। इस परीक्षा के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता को समाप्त कर एक बड़े घोटाले से भाई-भतिजावाद शामिल किया गया है, जिससे प्रदेश के युवाओं में भारी निराशा और आक्रोश है।

रमन ने लिखा कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम में शीर्ष 18 नाम, कांग्रेस नेताओं, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष तथा बड़े अधिकारियों के बच्चों और रिश्तेदारों के हैं तथा उच्च पदों पर उनका चयन हुआ है। इसके विरुद्ध युवाओं में निराशा और आक्रोश को देखते हुए पूर्व गृह मंत्री एवं वर्तमान में रामपुर विधायक श्री ननकीराम कंवर जी ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसे स्वीकार करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार लगायी और चयनित कुल 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने को कहा, चूंकि उनमें से 5 की नियुक्ति हो चुकी थी अत: वर्तमान में कुल 13 की नियुक्ति पर रोक लगी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2022 के मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन तथा साक्षात्कार में भी की गई धांधली उजागर हुई है जिसमें किसी अभ्यर्थी को बिना उत्तर लिखे अंक देना, किसी को कम अंक आने पर भी चयनित तथा किसी को अधिक अंक आने पर भी बाहर करना आदि शामिल है।

प्रदेश के युवाओं को राज्य सरकार की जाँच पर भरोसा नहीं है और उनका आरोप है कि राज्य सरकार के संरक्षण में पैसे लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं, बड़े अधिकारीयों तथा सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष के बच्चों और रिश्तेदारों का चयन किया गया है, युवाओं का राज्य सरकार पर विश्वास न होने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने यह झूठ कहकर इसकी जाँच नहीं करवाई कि युवाओं ने इसकी शिकायत नहीं की है जबकि प्रदेश के युवाओं ने इसकी लिखित शिकायत माननीय मुख्यमंत्री जी से की थी जिसकी प्रति संलग्न है तथा आन्दोलन भी किया था। इसके अलावा लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19/03/2021 को अधिसूचना क्रमांक 2268/पेड/2014/ जारी कर प्रारंभिक परीक्षा में दावा आपत्ति के पश्चात दिए जाने वाले मॉडल आंसर के नियमों में संशोधन(56.13) किया गया जिससे पारदर्शिता में कमी आयी है तथा लोक सेवा आयोग द्वारा निविदा सूचना जारी कर दिनांक 5/06/2023 तथा 27/06/2023 को अनुपयोगी प्रश्न पत्र, ओएमआर उत्तरशीट, कोरी उत्तरपुस्तिका एवं अन्य प्रपत्रों को विक्रय किए जाने हेतु टेंडर निकाला गया जिससे लोक सेवा आयोग पर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों को नष्ट करने का आरोप लगा जिसके पश्चात् इसके स्पष्टीकरण में लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 13/06/2023 को एक सूचना( 258/50/परीक्षा/2020) जारी गई, जिसमें यह बताया गया कि यह टेंडर दस्तावेज को नष्ट करने के लिये नहीं बल्कि पुराने उत्तर पुस्तिका, अनुपयोगी प्रश्नपत्र, कोरी उत्तर पुस्तिका और प्रपत्र एवं लिफाफे आदि के विक्रय हेतु जारी किया है। छत्तीसगढ़ के काबिल युवाओं का भविष्य अंधकार में डूबने से बचाने के लिए आपसे आग्रह है कि सीबीआई द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जाँच करवाकर छत्तीसगढ़ के युवाओं को न्याय दिलवाने में सहायता करें।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button