रालामंडल का तेंदुआ ही बायपास पर घूम रहा, टाउनशिप में दहशत
इंदौर
बायपास की टाउनशिप में रहने वालों में इन दिनों तेंदुए को लेकर दहशत है, क्योंकि सप्ताहभर में तीन-चार बार अलग-अलग जगह तेंदुआ नजर आ चुका है। ये सारी टाउनशिप रालामंडल अभयारण्य से 300-500 मीटर दूरी पर हैं। वैसे अभयारण्य में वन विभाग ने तेंदुआ होने की पुष्टि कर रखी है। वनकर्मियों के मुताबिक रालामंडल में दो वयस्क और दो शावकों की मौजूदगी से जुड़े प्रमाण मिले है। अभयारण्य से लगे खेतों में भी ग्रामीणों ने शाम होते ही जाना बंद कर दिया है। हालांकि वन विभाग ने टाउनशिप में रहने वालों को अकेले निकलने के लिए मना कर दिया है।
234 हेक्टेयर में फैले अभयारण्य में चार तेंदुए मौजूद हैं। कई बार तेंदुए अभयारण्य से बाहर भी निकल आते हैं। कई बार टाउनशिप के अलावा तिल्लौर रोड पर भी देखे गए हैं। महीनेभर पहले अभयारण्य के मुख्य द्वार के बाहर ड्यूटी करने वाले वनकर्मियों ने भी तेंदुए को देखा। उनके सामने ही तेंदुए ने एक श्वान को शिकार बनाया। बाद में वह वापस अभयारण्य में लौट गया। यहां तक कि कई बार ग्रामीणों ने भी तेंदुए को तिल्लौर सड़क पर घूमते देखा है।
वनकर्मियों के मुताबिक अभयारण्य में तार की जालियां लगी हैं, लेकिन तेंदुआ पेड़ पर चढ़कर जालियों के पार निकलता है। वहां से टाउनशिप में प्रवेश कर सकता है। वैसे इन दिनों तेंदुए ने किसी पर हमला नहीं किया है। वनकर्मियों ने रहवासियों को सावधानी बरतने को कहा है। रात में अकेले निकलने के बजाय समूह में आने-जाने पर जोर दिया है।
हिरण-चीतल पर भी हमला
अभयारण्य में जानवरों की संख्या भी काफी है, जिसमें नीलगाय, खरगोश, सियार, लकड़बग्घा सहित कई जानवर हैं। 13 हेक्टेयर में बने डियर सफारी के एनिमल जोन में भी तेंदुए के पंजों के निशान मिल चुके हैं। यहां भी आसानी से तेंदुए को देखा जा सकता है। कई बार वह हिरण-चीतल का भी हमला कर चुका है। एनिमल जोन में 80 से ज्यादा हिरण-चीतल और ब्लैकबर्ग हैं।
वनमंडल में 70 तेंदुए
पिछले कुछ सालों में प्रदेश में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। अकेले इंदौर वनमंडल में आने वाले इंदौर, चोरल, महू और मानपुर में 70 से अधिक तेंदुए हैं। चोरल और महू में इनकी संख्या ज्यादा है। यही वजह है कि वहां के रिहायशी इलाकों में तेंदुए का मूवमेंट देखा जाता है।