रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देश की युवा शक्ति के प्रतीक राहुल गांधी को मिली ख्याति से भाजपा परेशान हो गई है तथा अब अपनी गिरती साख को देखते हुए भाजपा हर क्षेत्र में हर तरह के हथकंडे अपनाने की मुहिम में दाना-पानी लेकर भिड़ गई है जो भाजपा और भाजपाई नेताओं की कुंठा एवं हताशा का प्रतीक है लेकिन भाजपा भूल रही है कि राहुल गांधी बलिदानी गांधी परिवार का पथगामी है तथा जेल जाने या बलिदान देने से डरने वाला नहीं है।
राहुल की दादी भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भी तत्कालीन विरोधियों से न डरी, न घबराई और 19 दिसम्बर 1978 को किस्सा कुर्सी के एक झूठे मामले में सजा सुना दी गई थी परन्तु उन्होंने जमानत की अपील तक नहीं लगवाई और तिहाड़ जेल में श्रीमती इंदिरा गांधी को भेज दिया गया था। पूरा देश इंदिरा जी की गिरफ्तारी से उद्वेलित हो गई थी तभी तो इंदिरा जी को दस दिन बाद ही तत्कालीन जनता पार्टी उनको रिहा करने बाध्य हो गई थी तथा उन्हें 29 दिसम्बर 1978 के दिन रिहा कर दिया था। उसके बाद से ही इंदिरा गांधी ने पूरे देश का दौरा कर देशवासियों का भारी समर्थन प्राप्त कर 1979 दिसम्बर के आम चुनाव में भारी बहुमत से कांग्रेस (आई) की सरकार देश में बनाई थी। उक्त परिस्थिति को ध्यान में रखकर दादी के इतिहास को दोहराने का समय राहुल के सामने है।
रिजवी ने पुराने घटनाक्रम को याद दिलाते हुए अपनी ओर से सुझाव राहुल गांधी को दिया है कि अब उन्हें भी जमानत न लेकर जेल चले जाना चाहिए। फिर देखियेगा कि 2024 के आम चुनाव में राहुल गांधी भी कांग्रेसियों के साथ पाकर तथा देशवासियों के सहयोग से कांग्रेस की सरकार बनाएगी तथा दादी इंदिरा गांधी के इतिहास को अवश्य दोहरायेगी।