राहुल गांधी को बड़ा झटका, छीन गई संसद की सदस्यता
नईदिल्ली
कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। उनकी लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई है। मानहानि मामले में गुजरात की सूरत कोर्ट ने बीते दिन राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, सजा को एक महीने के लिए सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी गई थी। लोकसभा सचिवालय की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।
हालांकि, अब भी राहुल गांधी के पास अदालत में जाने का अवसर है। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ वे ऊंची अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। हालांकि, यदि वहां से भी राहुल को झटका लगता है तो वे अगले छह साल तक कोई भी चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किए जाने के बाद कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा है कि सच सामने आएगा और सूरत कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वे ऊंची अदालत से बदल जाएगा। पार्टी ने दावा किया है कि राहुल गांधी और मजबूत होकर वापस लौटेंगे।
वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं।हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे।
सदस्यता गंवाने वाले अकेले नहीं राहुल गांधी
राहुल गांधी पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिन्होंने कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद सदस्यता गंवाई है. इससे पहले लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल, रामपुर से विधायक आजम खान, बिहार के सारन से विधायक और सीएम रहे लालू यादव पर भी कार्रवाई हो चुकी है.
मोहम्मद फैजल- हत्या की कोशिश का केस
इसी साल 13 जनवरी को लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. वह हत्या की कोशिशों के एक मामले में लक्षद्वीप सेशन कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए थे. कोर्ट के फैसले के महज दो दिनों बाद ही लोकसभा सेक्रिटेरियट ने एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें संसद से बाहर का रास्ता दिखा दिया. हालांकि, बाद में केरल हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. सदस्यता रद्द किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने यहां 27 फरवरी को उपचुनाव कराया.
आजम खान- 2019 हेट स्पीच केस
दोषी करार दिए जाने के बाद सदन से बाहर किए जाने वाले नेताओं में आजम खान भी शामिल हैं, जो 27 अक्टूबर 2022 को 2019 हेट-स्पीच केस में दोषी पाए गए थे. समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे आजम खान को रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट के एडिश्नल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट निशांत मोहन ने दोषी पाया था और तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके एक दिन बाद ही यूपी विधानसभा सेक्रिटेरियट ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी. बाद में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इतना ही नहीं आजम के खिलाफ दर्जनों और केस दर्ज थे, जिसमें अलग-अलग फैसले में वह दोषी करार दिए गए. आजम खान रामपुर से विधायक थे.
लालू प्रसाद यादव- चारा घोटाला केस
सदस्यता गंवाने वाले नेताओं की लिस्ट में लालू यादव भी शामिल हैं, जो सैकड़ों करोड़ रुपए के चारा घोटाला केस में दोषी पाए गए थे. राष्ट्रीय जनता दल के चीफ लालू यादव को रांची में एक सीबीआई कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2013 को दोषी पाया था. उनपर चारा घोटाला केस में कई एफआईआर दर्ज थे. दोषी पाए जाने के बाद 2 अक्टूबर को जारी एक संसदीय नोटिफिकेशन में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. लालू यादव बिहार के सारन से लोकसभा सांसद थे.
विक्रम सैनी, मुजफ्फरनगर दंगा केस
मुजफ्फरनगर दंगा केस में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने दोषी पाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता गंवा दी थी. वह मुजफ्फरनगर एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 2013 के दंगा में उनकी भूमिका के लिए दोषी पाए गए थे और उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी. नवंबर 2022 में यूपी विधानसभा ने खटौली विधानसभा खाली होने का नोटिफिकेशन जारी किया था, इसी सीट से वह विधायक थे.
राहुल गांधी ने 2019 में पीएम मोदी पर साधा था निशाना
पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में ‘मोदी’ सरनेम वाले भगोड़ों की चर्चा करते हुए उन्हें चोर करार दिया था. इससे आहत होकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का केस कर दिया. चार साल बाद सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया और उन्हें दोषी पाया, और दो साल जेल की सजा सुनाई. हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई.